वंचित वर्ग के बच्चों ने अपनी कुशल प्रतिभा से लुभाया सबका मन

 18 बच्चों को प्रदान किया गया ‘अति उत्तम एकलव्य’ पुरस्कार 

नोएडा: सीमित संसाधनों व अभाव की जिंदगी अक्सर हीं इंसान के मन में कुछ कर गुजरने की सच्ची लगन, दृढ़ संकल्प और जज्बा का सबब बन जाया करती है | इतिहास साक्ष्य है कि ऐसे हीं परिवेश के लोग स्वर्णाक्षरों में अपना नाम दर्ज करवा लेते हैं |


नवरत्न फाऊंडेशंस और दिव्यतरंग  एजुकेयर फाउंडेशन की संयुक्त प्रयास में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला विगत 1 वर्ष से चल रही वंचित वर्ग के बच्चों के लिए अनदेखी प्रतिभाओं की खोज के कार्यक्रम एकलव्य की खोज में |बच्चों ने स्वयंभू बन स्वयं को नृत्य ,गायन तथा भाषण कल में स्वयं को स्थापित कर इस प्रतियोगिता में भाग लिया ,इसके बाद इनमें से सेमीफाइनल में चुने गए बच्चों को गुरुओं के मार्गदर्शन में दक्ष कर मंच पर उतारा गया |वह मंजर सभी को स्तब्ध कर गया जब इन वंचित वर्ग के बच्चों ने अपनी कुशल प्रतिभा का मंच पर दे-दना-दन शानदार प्रदर्शन किया और एन.ई.ए  सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा |विभिन्न विधाओं में हुई इस प्रतियोगिता में बच्चों ने भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और लोक कथाओं को अपने अंदाज में प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम को लेकर डॉ. अशोक श्रीवास्तव (अध्यक्ष, नवरत्न फाउंडेशन्स) ने कहा, *“हमारे हिंदुस्तान के हर बच्चे में एक एकलव्य छिपा होता है, ज़रूरत बस उसे पहचानने और अवसर देने की है। हमारी कोशिश है कि वंचित वर्ग के बच्चों की प्रतिभा समाज के सामने आए और वे आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को साकार कर सकें।”*

कार्यक्रम में निर्णायकों की भूमिका में भाषण कला के लिए प्रदीप शर्मा, गायन के लिए दीपक नायडू और नृत्य के लिए डॉ.कल्पना भूषण उपस्थित रहे। निर्णायकों ने बच्चों की प्रतिभा को न केवल सराहा बल्कि उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं। *कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को “सर्वोत्तम एकलव्य” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।* *भाषण में मास्टर आयुष, गायन में कुमारी नेहा कामत और नृत्य में कुमारी खुशबू को* इस सम्मान से नवाजा गया। इसके अतिरिक्त *18 बच्चों को ‘अति उत्तम एकलव्य’ पुरस्कार प्रदान कर उनकी मेहनत और लगन को सराहा गया।*

 डॉ. अशोक श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में कार्यक्रम की सफलता में समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़े कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की भागीदारी रही जिनमें, विक्की यादव, ए वी मुरलीधरन, नीतू भंडारी व ममता अधिकारी का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। इनके मार्गदर्शन में यह आयोजन एक मिशन की तरह आयोजित हुआ, जिसमें सिर्फ प्रदर्शन नहीं, बल्कि बच्चों की आत्मा और संघर्ष की गूंज भी थी।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ग्रैंड फिनाले में वरिष्ठ वर्ग में पुरषोत्तम बने सर्वोताम गायक और कनिष्ठ वर्ग में कुमारी हीरत सिसोदिया ने सर्वोत्तम गायिका की बाज़ी मारी

ध्यान के माध्यम से अपनी दिव्य क्षमता को जागृत करें-स्वामी चिदानन्द गिरि

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल न लाया जाय और निजीकरण का विफल प्रयोग वापस लिया जाय : ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन