भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ ने विश्व में इतिहास रचा
(वरिष्ठ पत्रकार प्रभात त्रिपाठी की कलम )
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की त्रिवेणी धरती पर 45 दिन तक चले भव्य दिव्य और अलौकिक महाकुंभ के सफल समापन ने सनातन के इस महापर्व और भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन पर एक ऐसी क्रांति को जन्म दिया जिसने हिंदुओं को सनातनी होने का गौरव और धार्मिक एकता का इतिहास लिख दिया है जिसे हिंदुओं से जुड़ी हुई धार्मिक क्रांति कहां जा सकता है।
भारत की कुल आबादी 144 करोड़ की आबादी में 116 करोड़ हिंदुओं की आबादी है इसमें लगभग 66 करोड़ के पार लोगों ने महाकुंभ में डुबकी लगाकर हिंदू की आबादी का 54 परसेंट लोगों ने स्नान करके महाकुंभ में रिकॉर्ड बना दिया इसका मतलब साफ-साफ है कि पूरे विश्व में सनातन को भारत ने जीवंत कर दिया है इसका मुख्य श्रेय उत्तर प्रदेश के संत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है वह एक धार्मिक आयोजन के इतिहास लिखने वाले एक नायक के रूप में उभर कर देश के सामने आए हैं और उनकी मजबूत इच्छा शक्ति ने दिव्य, भव्य और अलौकिक महाकुंभ का सफल आयोजन कर इतिहास बना दिया है और पूरी दुनिया में यह संदेश दे दिया है कि भारत के अंदर एक साइलेंट हिंदुत्व क्रांति पैदा हो गई है। महाकुंभ के आखरी अमृत स्नान शिवरात्रि के समापन तक 66 करोड लोगों ने त्रिवेणी में डुबकी लगाकर यह बता दिया की हर दो व्यक्ति में एक व्यक्ति ने आस्था के इस महाकुंभ पर डुबकी लगाई है जिसे हिंदू क्रांति ही कहा जा सकता है।
आरोप प्रत्यारोप और आलोचना भी इस महाकुंभ में की गयी इसमें राष्ट्रीय दल के नेताओं और क्षेत्रीयदलों के नेताओं ने इस महाकुंभ में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग करके सनातनियों के मन को आघात करने का काम किया गया जिसे सुनकर करोड़ों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में भारी भीड़ के साथ पहुंचकर उनके दिए गए बयानों पर करारा तमाचा मारा। हिंदुओं के किसी भी धार्मिक महापर्व पर यह राजनीतिक लोग इस तरीके के असुरी राक्षस प्रवृत्ति का काम हमेशा से करते आए हैं इन नेताओं ने उस कहावत को चरितार्थ किया है जो कहावत के रूप में जानी जाती है कि पहले ऋषि मुनियों के हवन और तप में असुरी राक्षस विघ्न बाधा पहुंचाने का काम करते थे। करोड़ों श्रद्धालुओं ने उनके इस अफवाह को खारिज करके यह भी साबित किया है कि आस्था सर्वोपरि है। करोड़ो श्रद्धालुओं से लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मानव समागम का एक बड़ा सफल आयोजन करके इतिहास के पन्नों में एक नया और अद्भुत इतिहास दर्ज कर दिया है।
144 साल की इस खगोलीय घटना जो हर 12 वर्ष में एक बार ग्रहो में आती है उसे कुम्भ के रूप में जाना जाता हैै। यह कुंभ 12 बार जब पड़ता है तो उसे 144 साल बाद वाला महाकुंभ कहा जाता है। 2025 में आयोजित इस महाकुंभ को इसीलिए 144 साल बाद पडऩे वाले महाकुंभ का रूप दिया गया था। खगोलीय घटना के बाद आयोजित इस महाकुंभ को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सफलतापूर्वक आयोजन करके गिनीज बुक में धार्मिक आयोजन का विश्व रिकॉर्ड स्थापित करके दुनिया में हिंदुत्व की क्रांति को जन्म दिया है। सनातन को मजबूत करके भारत ने यह भी दिखा दिया है कि महाकुंभ भले खत्म हो गया हो लेकिन इस महाकुंभ के सफल समापन के बाद भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो चुका हैै।
जिस देश की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करने का काम किया गया हैै उसको देश की करोड़ों श्रद्धालु (महान जनता) समझती और जानती है कि सनातन और धार्मिक आस्था को कौन मजबूत कर रहा है और कौन नष्ट कर रहा है। करोड़ो श्रद्धालुओं का रेला प्रयागराज संगम की ओर जाता हुआ दिखाई दिया सडक़ मार्ग से रेल मार्ग से और हवाई मार्ग से करोड़ों श्रद्धालु जिसमें वृद्ध, युवा, पुरुष और छोटे बच्चे, महिलाएं प्रयागराज की धरती पर श्रद्धा के साथ आनंद भाव में अफवाह को नकारते हुए करोड़ों की संख्या में संगम तट डुबकी लगाने पहुंचे, उन्होंने यह बिल्कुल परवाह नहीं की कि उन्हें कितनी परेशानी होगी करोड़ों श्रद्धालुओं ने इस महाकुंभ में डुबकी लगाकर यह संदेश भी दिया की सनातनियों का यह सबसे बड़ा पर्व है जो भारत की संस्कृति और सभ्यता को मजबूत बनाता है। हर भाषा और हर प्रांत से आए श्रद्धालुओं ने इस महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जो भारत की संस्कृति और भारत की एकता को दर्शाता है इस महाकुंभ मैं विदेशी धरती से भी श्रद्धालु गणों ने आकर प्रयागराज की धरती पर अलौकिक महाकुंभ में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराई भारत के करोड़ो हिंदू श्रद्धालुओं ने यह भी सन्देश पूरी दुनिया को दिया है की संगम तट पर हर जाति धर्म के अमीर और गरीब श्रद्धालु गणों ने एक साथ संगम तट पर डुबकी लगा लगाकर मानव समागम का एक बहुत बड़ा संदेश दिया कि हर व्यक्ति बराबर है उसका धर्म और भाषा या प्रांत अलग हो लेकिन सनातनी सनातनी है और सब भारतीय एक है
प्रयागराज की धरती पर मानव समागम(सनातन) के सबसे बड़े फायर ब्रांड नेता संत योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ का सफल आयोजन करके एक नया इतिहास बना दिया है जिसे आने वाली कोई भी सरकार तोड़ नहीं पाएगी और आने वाली पीढ़ी याद करेगी इस महाकुंभ के आयोजन का। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का सफल नेतृत्व और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पूरी टीम ने पूरी मेहनत से यह आयोजन सफल हुआ है करोड़ों की भीड़ को संभालने का और उनको सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और डीजीपी सहित दो दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारियों ने बखूबी निभाई।
महाकुंभ के प्रचार तंत्र को संभालने वाले उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह का भी इस महाकुम्भ में बहुत बड़ा योगदान रहा है उन्होंने देश दुनिया में पूरे प्रचार तंत्र की कमान संभाली उसे भी महाकुम्भ की कामयाबी का एक हिस्सा माना जा सकता है। धन्यवाद दूंगा उन हजारों पुलिस कर्मियों को जिन्होंने पूरी मेहनत से महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा की जिम्मेदारी रात-दिन खड़े होकर निभाई। प्रयागराज की जनता को भी इस महाकुंभ की सफलता का एक हिस्सा माना जा सकता है उन्होंने संयम के साथ अपने शहर में करोड़ों लोगों के आने पर पूरा सहयोग दिया और जो भी दिक्कतें हुई उस पर संयम रखा। महाकुंभ की सफलता पर हम उन सफाई कर्मियों का भी जिक्र करना नहीं भूलेंगे जिन्होंने करोड़ो श्रद्धालुओं के आस्था पर अपनी सफाई व्यवस्था करके त्रिवेणी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं को गंदगी से मुक्त रखा और उनके पुण्य के भागीदार बने। शिवरात्रि के आखरी अमृत स्नान के बाद महाकुंभ का समापन हो गया है। कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुम्भ के समापन की घोषणा प्रयागराज में करेंगे। महाकुम्भ के सफल समापन को पूरा विश्व और आने वाली पीढ़ी एक सुखद एहसास के साथ याद करेगी।