हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री खट्टर ने की फ़रीदाबाद में साइंस सिटी विकसित करने की घोषणा





एस एन वर्मा 

नई दिल्ली 

भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2023 के चौथे और अंतिम दिन हरियाणा के  मुख्यमंत्री  मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में  समापन समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर उन्होंने फरीदाबाद में एक साइंस सिटी स्थापित करने की घोषणा की. 17 से 20 जनवरी तक फरीदाबाद में आयोजित मेगा साइंस फेस्टिवल में विज्ञान और नवाचार में  अतिथियों ने सक्रिय सहभागिता की, जिससे यहां आए छात्रों को अन्वेषण और सहयोग की प्रेरणा मिली।

अपने संबोधन के दौरान  मनोहर लाल खट्टर ने विज्ञान से बिना किसी भेदभाव के समाज को मिलने वाले असीमित लाभों के बारे में चर्चा की। भविष्य को नया आयाम प्रदान करने में विज्ञान के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा के माध्यम से विज्ञान को समाज के साथ और अधिक एकीकृत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

श्री खट्टर ने हरियाणा के फ़रीदाबाद में 50 एकड़ में एक अत्याधुनिक साइंस सिटी के विकास की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य आम जनमानस में खासतौर पर बच्चों में जिज्ञासा और शोध की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए वैज्ञानिक अनुसन्धान, विज्ञान सीखने और इसके लिए कार्य करने के लिए एक समर्पित स्थान बनाना है।

 मुख्यमंत्री  मनोहर लाल खट्टर का स्वागत करते हुए डीएसटी के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि फ़रीदाबाद में प्रस्तावित साइंस सिटी वैज्ञानिक नवाचार, शिक्षा और आउटरीच का केंद्र बनने के लिए तैयार है। यह शोधकर्ताओं, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए एक साथ आने, विचारों का आदान-प्रदान करने और वैज्ञानिक ज्ञान की उन्नति में योगदान करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।

अपनी घोषणा मेंश्री मनोहर लाल खट्टर ने युवाओं के बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला जो नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करता है। साइंस सिटी की कल्पना एक गतिशील केंद्र के रूप में की गई है जो वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देनेसीखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने और वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है।

श्री खट्टर ने नागरिकों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने में आईआईएसएफ जैसे सार्वजनिक सहभागिता मंचों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह महोत्सव वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता के बीच एक सेतु का काम करता हैजटिल अवधारणाओं को उजागर करता है और विज्ञान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करता है।

इस अवसर पर डॉ. अभय करंदीकर (सचिवडीएसटी)डॉ. शिवकुमार शर्मा (राष्ट्रीय आयोजन सचिवविज्ञान भारती)डॉ. अरविंद सी. रानडे (मुख्य समन्वयकआईआईएसएफ 2023), डॉ. पीएस गोयल (अध्यक्षनेशनल इनोवेशन फाउंडेशन) भी उपस्थित थे। डॉ. अभय करंदीकर ने कहा कि आईआईएसएफ का उद्देश्य युवा छात्रों और नवप्रवर्तकों को प्रेरित करना है ताकि पिछले कई वर्षों के दौरान देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रगति को देखकरये युवा नवप्रवर्तक और विद्यार्थी हमारे लिए योगदान दे सकें। देश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रगति को अमृत काल में अगले 25 वर्षों के दौरान वैश्विक प्रतिनिधित्वकर्ता बनाना है। डॉ. रानडे ने गर्व से घोषणा की कि आईआईएसएफ चैलेंज इवेंट में स्कूली छात्रों द्वारा बनाए गए लगभग 5000 पिकोसैटेलाइट्स ने इतिहास रच दिया है।

फेस टू फेस विद न्यू फ्रंटियर्स ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी

आईआईएसएफ 2023 के आखिरी दिनफेस टू फेस विद न्यू फ्रंटियर्स ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया था। इस अवसर पर मलेशिया के एस एंड टी विकास पर मलेशिया सरकार की विज्ञानप्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्रालय (एमओएसटीआई) की उप महासचिव मैडम रुज़िया बिनती शाफ़ेई : अग्रणी प्रगति और वैश्विक अवसरऔर वन हेल्थ अप्रोच: एन इंटीग्रेटेड अप्रोच ऑन सस्टेनेबल इकोसिस्टम पर डॉ. ओमोसा ओचवांगीनैरोबी विश्वविद्यालयकेन्या द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अनुभव साझा किये गये।

एजुकेशन फॉर एस्पायरिंग इंडिया : नेशनल साइंस टीचर्स वर्कशॉप

एजुकेशन फॉर एस्पायरिंग इंडिया : नेशनल साइंस टीचर्स वर्कशॉप भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)दिल्ली के प्रो. नोमेश बोलिया की अध्यक्षता में एक व्यावहारिक पैनल चर्चा की गई। चर्चा का का शीर्षक था "भारतीय ज्ञान प्रणाली : प्राचीन से आकांक्षी भारत।“ डॉ. वेंकटनारायण रामनाथन ने समकालीन दुनिया में सतत विज्ञान के महत्व पर जोर दिया और उपभोक्तावाद में कमी की वकालत की। उन्होंने विज्ञान के दो मूलभूत घटकोंअर्थात् अवलोकन और अनुभव पर प्रकाश डाला।

इसके अतिरिक्तअखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे की अध्यक्षता में "सरकारी संस्थानों की भूमिका : योजनाओं के माध्यम से विज्ञान शिक्षा को मजबूत करना" विषय पर एक पूर्ण वार्ता आयोजित की गई। डीएसटी में इंस्पायर कार्यक्रम की प्रमुख डॉ. नमिता गुप्ता ने प्राचीन शिक्षाओं में निहित विभिन्न परिणामों के पीछे के रहस्यों को जानने के लिए किए गए कार्यों पर चर्चा की।

 

सीएसआईआर-एनबीआरआई लैब द्वारा विकसित नमो 108 कमल

 

युवा वैज्ञानिक सम्मेलन

 

युवा वैज्ञानिक सम्मेलन (वाईएससी) के चौथे दिनउत्तर-पूर्वजम्मू और कश्मीरलेह और लद्दाख में विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार पर इंटरैक्टिव सत्र मेंअमृत का में समृद्ध भारत बनाने की विभिन्न संभावनाओं की खोज की गई। लद्दाख विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र के मेहता ने दर्शकों को बताया कि लद्दाख विश्वविद्यालय, लद्दाख का एकमात्र विश्वविद्यालय है और विशेष रूप से जलवायु परिवर्तनजैव विविधता आदि पर शोध के लिए एक बहुत ही अनोखी जगह है। उन्होंने आगामी सरकारी सौर ऊर्जा सुविधा के बारे में भी बात की। नागालैंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बोलिन के कोंवर नागालैंड ने इस बारे में बात की कि कैसे अनुसंधान शहरी अर्थव्यवस्था को विकसित करने में मदद कर रहा है। प्रो. गौहर बशीर वकीलनिदेशकप्रौद्योगिकी संस्थानकश्मीर विश्वविद्यालय और डॉ. श्वेता यादवजम्मू विश्वविद्यालय भी पैनलिस्ट के रूप में उपस्थित थे।

 

न्यू एज टेक्नोलॉजी शो

न्यू एज टेक्नोलॉजी शो के चौथे दिनक्वांटम प्रौद्योगिकियों पर एक पैनल चर्चा का आयोजन और संचालन एसईआरबी के सचिव और डीएसटी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता द्वारा किया गया। डॉ. सुधीर रंजन जैनसहायक प्रोफेसरयूएम-डीएई सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन बेसिक साइंसेजमुंबईप्रोफेसर उर्बासी सिन्हारमन रिसर्च इंस्टीट्यूटबैंगलोरश्री मनीष मोदानीप्रिंसिपल सॉल्यूशन आर्किटेक्टएनवीआईडीआईएबैंगलोर और डॉ. ए रॉबर्ट जे रविडीडीजीडीओटीभारत सरकार (टीबीसी) ने पैनलिस्ट के रूप में भाग लिया। एक अन्य सत्र में साइबर सुरक्षा पर एक इंटरैक्टिव वार्ता भी आयोजित की गई। कार्यक्रम के समापन सत्र मेंप्रोफेसर अभय करंदीकरसचिव डीएसटी ने घोषणा की कि क्वांटम कंप्यूटिंगक्वांटम संचारक्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी और क्वांटम सामग्री और उपकरणों के लिए टी-हब्स की स्थापना हेतु राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के उद्देश्यों के अनुरूप कंसोर्टिया मोड में अभिनव पूर्व-प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों / आर एंड डी लैब्स से पूर्व-प्रस्ताव आमंत्रित किया गया है।

 

स्टार्टअपटेक्नोलॉजी और इनोवेशन बी टू बी मीट

स्टार्टअपटेक्नोलॉजी और इनोवेशन बी टू बी मीट ने अपने आखिरी दिन निवेशकों के एक प्रतिष्ठित पैनल को स्टार्ट अप - इन्वेस्टर्स मीट के लिए मंच पर आमंत्रित किया। यह स्टार्ट अप के लिए निवेशकों के सामने अपने नए विचारों और नवाचारों को पेश करने का एक उत्कृष्ट अवसर था। आर्क रोबोटिक्स, MyWays.ai जैसे स्टार्टअप ने अपने स्टार्ट अप विचारों को प्रस्तुत किया।

विशिष्ट अतिथि प्रो. अभय करंदीकर (सचिवविज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग) के आगमन से बैठक सफल हुई। स्टार्ट अप बी2बी मीट को संबोधित करते हुएश्री करंदीकर ने टिप्पणी की कि उन्हें युवा इनोवेटर्स के भविष्य के प्रति आशा है कि वे नौकरियां उत्पन्न करने और अर्थव्यवस्था में योगदान करने में सक्षम होंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आगामी एएनआरएफ के लिए आवंटित धनराशि का 10% नवाचार और स्टार्टअप के लिए समर्पित होगा।

समापन सत्र

भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2023 20 जनवरी, 2024 को एक महत्वपूर्ण समापन सत्र के साथ संपन्न हुआ। एनआईएफ - भारत के अध्यक्ष डॉ. पीएस गोयल ने नवाचार के एकीकरण पर प्रकाश डालते हुए सभी योगदानकर्ताओं की सराहना की। विज्ञान भारती (विभा) भारत के महासचिव प्रो. सुधीर भधूरिया ने इस वर्ष के आयोजन के लिए दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

उल्लेखनीय क्षणों में मुख्य समन्वयक डॉ. अरविंद सी. रानडे की प्रस्तुति शामिल थीजिसमें 13,000 से अधिक प्रतिनिधियों और 25,000 छात्रों के साथ रिकॉर्ड-तोड़ उपस्थिति का खुलासा हुआ। समारोह ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी मजबूत किया।

आईआईएसएफ  2023 के समापन सत्र के दौरान विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संधियों पर हस्ताक्षर प्रदर्शित करते हुए गणमान्य अतिथि

समापन सत्र के दौरानविश्व रिकॉर्ड श्रेणी में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले स्टूडेंट इनोवेशन फेस्टिवल-स्पेस हैकथॉन 2023 के विजेताओं की घोषणा की गई। अवधारणाप्रौद्योगिकीअन्तरक्रियाशीलता और विशेष उल्लेखों में उत्कृष्टता को स्वीकार करते हुएअसाधारण मंडपों को पुरस्कार प्रदान किए गए।

सभा में सलाहकार (डीएसटी) डॉ. अखिलेश गुप्ता और सचिव (डीबीटी) डॉ. राजेश एस. गोखले ने भी उद्बोधन दिया।

सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान का साइंस मीडिया कम्युनिकेशन सेल (एसएमसीसी) ने प्रिंटइलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2023 के मीडिया प्रचार-प्रसार का समन्वय दायित्व निभा रहा है।



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