हर्षोल्लास के साथ मना दशहरा पर्व,रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतलों का हुआ दहन
नोएडा । श्रीराम मित्रमंडल नोएडा रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला मंचन स्थल रामलीला मैदान सेक्टर-62 में दसवें दिन विजयदशमी पर्व का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ महेश शर्मा एवं नोएडा विधायक पंकज सिंह द्वारा बाण चला कर रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतलों के साथ ही भ्रष्टाचार, आतंकवाद एवं महिला उत्पीड़न के पुतलों का दहन किया गया । दोनों जन प्रतिनिधियों ने दशहरे पर्व की शुभकामनाएं दीं ।श्रीराम मित्र मंडल रामलीला समिति के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने मंच संचालन करते हुए सभी उपस्थितजनों का स्वागत किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा ने कहा कि विजय दशमी का यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है । रावण को उसके गलत कृत्य की सजा भगवान श्रीराम ने दी एवं उसका वध कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलकर ही समाज व देश का भला हो सकता है । क्षेत्रीय विधायक पंकज सिंह ने कहा कि रामलीला केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है । इससे समाज को एक नई दिशा मिलती है । यहां पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को भगवान श्रीराम का अनुसरण करना चाहिए । समिति के चेयरमैन उमाशंकर गर्ग एवं अध्यक्ष धर्मपाल गोयल ने सभी अतिथियों का सम्मान किया । मेघनाद व कुंभकरण के वध के उपरांत रावण युद्व के लिए प्रस्थान करता हैं । रावण और राम सेना में भयंकर युद्व होने लगता है । अपनी सेना को विचलित देख धनुष उठाकर भयंकर युद्व करता है । इसके बाद लक्ष्मण व रावण का युद्व होता हैं । हनुमान जी रावण से युद्व करते है और हनुमान के एक घूसे के प्रहार से रावण मूर्छित हो जाता है। रावण पुनः शक्ति प्राप्त करने के लिए यज्ञ करता है लेकिन वानर सेना उस यज्ञ का विध्वंस कर देती है । रावण व राम में भयंकर युद्व होने लगता है । तब विभीषण रामजी को बताते हैं कि इसके नाभि कुण्ड में अमृत है तब भगवान राम ने एक तीर छोड़ा ‘‘सायक एक नाभि सर सोषा । अपर लगे भुज सिर कटि रोषा।’’भगवान उसके नाभि में बाण मार देते है । रावण के सिर व भुजाएं कट जाती है और रावण पृथ्वी पर गिर जाता है ।इस तरह रावण अपने कुल सहित भगवान के परमधाम को जाता है । देवता आकाश से पुष्पों की वर्षाकरतेहै । भगवान राम विभीषण का राजतिलक कर सिंहासन पर बैठाते है। हनुमान जी सीताजी को राम की विजय के बारे में बताते है । इसी के साथ दसवें दिन की लीला समापन हुआ । सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त के बीच दशहरा पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।