नल से घर - घर जल

 डॉ


. दिनेश प्रसाद मिश्र

     भारत सरकार ने देश में व्याप्त पेयजल समस्या को दृष्टि में रखकर जल  संसाधन, नदी विकास ,गंगा जीर्णोद्धार और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को शामिल कर इन मंत्रालयों को संगठित कर  जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया और उसको देश में व्याप्त जल समस्या को समाप्त करने तथा हर घर को नल से पानी उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करने हेतु निर्देशित किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं नीति आयोग की बैठक में हर घर को पेयजल उपलब्ध  कराने के संदर्भ में रीति नीति को व्यक्त कर उस पर अविलंब तथा द्रुतगामी कार्यवाही कर 2024 तक उपलब्ध कराने हेतु समय सीमा भी निर्धारित कर दी है। प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तावित यह योजना उनकी अन्य प्रभावी सौभाग्य योजना, उज्जवला योजना तथा स्वच्छता अभियान जैसी महत्वपूर्ण  अत्यंत क्रांतिकारी योजना है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत मोदी सरकार ने देश के कोने कोने में बिजली पहुंचा कर लगभग हर घर तक बिजली पहुंचाने का अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। इसी प्रकार उज्जवला योजना के अंतर्गत समाज के निम्नतम तबके तक गैस चूल्हा पहुंचा कर उज्जवला योजना को सार्थक किया है। स्वच्छता अभियान के द्वारा जहां एक और समाज में साफ सफाई एवं स्वच्छता हेतु जागरूकता अभियान चलाते हुए अपने चारों ओर सफाई बनाए रखने हेतु आमजन को जागरूक किया गया वहीं दूसरी ओर घर घर शौचालयों की व्यवस्था कर खुले में शौच जाने की परंपरा को लगभग समाप्त कर दिया है । अब उनकी हर घर को नल से पानी की योजना अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण तथा क्रांतिकारी है, सरकार की प्रतिबद्धता एवं कर्म  परायणता को देखते हुए उम्मीद है कि निर्धारित की गई समयावधि में हर घर को नल से पानी प्राप्त हो जाएगा किंतु इस योजना के समक्ष राष्ट्र में जल का अभाव ,निरंतर गिरता हुआ जल स्तर तथा जल संरक्षण का समुचित प्रबंधन न होना योजना को निश्चित समयावधि के अंतर्गत पूर्ण कर पाने के संदर्भ में प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है किंतु निरंतर जल संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में कार्य कर योजना को मूर्त रूप दिया जा सकता है।     यह अलग तथ्य है कि अभी तक सिर्फ 65% घरों में ही नल से पानी पहुंचाने का काम हो रहा है।    भारतीय घरों में नल के माध्यम से पानी पहुंचाने का कार्य काफी तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2014 से2018 के मध्य 6.7% की वृद्धि से घरों में पानी के कनेक्शन के लिए नल लगाए गए। 2011 से 2014 के मध्य में यह आंकड़ा 4% था और 2001 से 2011 में यह मात्र 0.6% ही था। पानी के कनेक्शन लगाने और नल से पानी पहुंचाने की दिशा में गांव में वृद्धि का आंकड़ा शहरों से अधिक है ।2014 से 2018 के मध्य गांव में यह 28% और शहरों में 22% के करीब रहा ।ग्रामीण इलाकों में अभी भी लगभग 60% घर ऐसे हैं जहां पानी का नल कनेक्शन नहीं पहुंचा है। ग्रामीण इलाकों में भी ऐसे जिले जो सबसे गरीब की श्रेणी में आते हैं वहां तक पानी का कनेक्शन अभी नाम मात्र की संख्या में ही पहुंचा है।     उत्तर प्रदेश बंगाल बिहार जैसे अनेक राज्य अब भी हैं जिनकी आधी जनसंख्या को अभी भी पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं जहां 70% से अधिक घरों में पानी के लिए नल लगाए जा चुके हैं ।इन राज्यों के शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में नल का प्रयोग पानी के लिए किया जा रहा है।         

       जल जीवन मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 10870.5 करोड रुपए आवंटित किए हैं जो किसी भी राज्य को अब तक की सबसे अधिक धनराशि है। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल को 6998.97 करोड ,गुजरात को 3410 करोड़,और मध्य प्रदेश को 5117 करोड़ महाराष्ट्र को 7064.41 करोड़ तथा छत्तीसगढ़ को 1908.9 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं ।पूर्वोत्तर राज्यों को कुल 9262 करोड आवंटित किए गए हैं।जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराना है 2021-22 के केंद्रीय बजट से इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 50000 करोड़ों रुपए निर्धारित किए गए हैं।

        नल से घर-घर जल पहुंचाने की योजना के अंतर्गत जहां एक ओर देश के तेलंगाना तथा गोवा राज्य सहित कुछ केंद्र शासित प्रदेशों ने शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर अभूतपूर्व कार्य किया है, वहीं छत्तीसगढ़ उत्तराखंड जैसे राज्य  अत्यंत धीमी गति से कार्य करते हुए निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे चल रहे हैं। अब तक देश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगभग 43% ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचा दिया गया है 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100% घरों में इस योजना के माध्यम से जल की आपूर्ति की जा रही है। गोवा तेलंगाना अंडमान और निकोबार दीप समूह पुडुचेरी दादरा और नगर हवेली दमन और दीव के अलावा हरियाणा के 100% घरों में नल से जल की आपूर्ति की जा रही हैं। योजना को मूर्त रूप देने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा समय सीमा का  लक्ष्य निर्धारित कर  कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।बिहार पंजाब जैसे राज्यों में वर्ष 2021 के अंत तक हर घर को नल के माध्यम से जल प्राप्त होने लगेगा , जबकि गुजरात हरियाणा हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर लद्दाख मेघालय सिक्किम आदि राज्यों तथा अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में यह योजना 2022 तक मूर्त रूप ले सकेगी। उत्तर प्रदेश उत्तराखंड पश्चिम बंगाल छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में 2024 तक हर घर में नल से जल प्राप्त हो सकेगा।हालांकि आधिकारिक आंकड़े बताते हैं की 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 25% से कम घर घरों में नल से जल की आपूर्ति की जा रही है इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में असम 22% राजस्थान 20.89% लद्दाख 16.32% झारखंड 15.12% बंगाल 13.48% छत्तीसगढ़ 13.17% और उत्तर प्रदेश 12.72% शामिल है । 

उत्तर प्रदेश में हर घर नल योजना आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारे पानी व जापानी इंसेफेलाइटिस प्रभावित सभी जिलों में लागू होने वाली है। पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में इस योजना को लागू कर दिया गया है जो जो दिसंबर 2021 तक अपना शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लेगी। इस वर्ष के अंत तक राज्य के 50000  गांवों तक इस योजना को ले जाने का लक्ष्य है ।जल शक्ति मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अभी तक कुल 19, 22,49,980 घरों में से 8, 31,03,880 घरों में नल से जल पहुंचा दिया गया है जो निर्धारित लक्ष्य का मात्र 43.23% होता है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नल से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल पहुंचाना है जिसे पूर्ण करने हेतु अथक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। आंकड़ों के अनुसार 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 100% स्कूलों में जबकि 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 75% स्कूलों तक यह सुविधा पहुंचा दी गई है झारखंड एकमात्र राज्य है जहां के सिर्फ 17.97% स्कूलों में ही नल से जल की आपूर्ति अभी तक सुनिश्चित हो पाई है। 

       उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन को प्रभावी करने हेतु 4 चरणों में कार्य को विभाजित कर संपन्न किया जा रहा है ।प्रथम चरण में बुंदेलखंड के 7 जिलों झांसी महोबा ललितपुर जालौन हमीरपुर बांदा और चित्रकूट के कुल 4513 राजस्व ग्रामों में से 891 ग्रामों में जल घर घर नल योजना के अंतर्गत पहुंचाया जा रहा है ।शेष 3622 ग्रामों को घर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य 479 योजनाओं के माध्यम से पूर्ण किया जा रहा है ।इससे लगभग 67 लाख की आबादी लाभान्वित होगी ।दूसरे चरण में विंध्य क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र  तथा वाराणसी में प्रधानमंत्री जी द्वारा योजना कीआधारशिला रखने के साथ ही कार्य प्रारंभ किया जा चुका है ।तीसरे चरण में जापानी बुखार और इंसेफलाइटिस से प्रभावित क्षेत्रों को योजना से जोड़ा जाएगा। चौथे चरण में आर्सैनिक व फ्लोराइड से प्रभावित गंगा यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में काम शुरू होगा ।इस मिशन के अंतर्गत मेंटेनेंस का कार्य अगले 10 वर्षों तक कार्यदाई संस्था ही करेगी।

इन्हीं सब तथ्यों को दृष्टि में रखकर वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा था- भारत में पानी की सुरक्षा और सभी भारतीयों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम जल शक्ति मंत्रालय का गठन है ।जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में हर घर जल नल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा और जल शक्ति मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम देगा।  उल्लेखनीय है कि इजराइल में पाइप लाइन के जरिए लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इजराइल से प्राप्त सूचना एवं तकनीकी का प्रयोग कर उपलब्ध जल को पाइप लाइन के माध्यम से घर घर पहुंचाने में सफलता प्राप्त की जा सकती है ।

उत्तर प्रदेश सरकार नेआगे बढ़ कर योजना को त्वरित गति से मूर्त रूप देने हेतु जनशक्ति निदेशालय का गठन कर 3000 से अधिक कर्मियों की नियुक्त करने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत अधिकारियों कर्मचारियों के 3130  पदों पर नियुक्ति आउट सोर्स से होगी ।350 पद 3 साल के अनुबंध से तथा 572 पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे।नवगठित नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति निदेशालय में मुख्यालय मंडल व जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले की तैनाती की जाएगी । जल निगम के पास पर्याप्त तकनीकी मानव संसाधन उपलब्ध नहीं है। जल निगम में जल मिशन की योजनाओं में तकनीकी काम राज्य सरकार से मिलने वाली धनराशि के जरिए समय से करने में असमर्थता जताई ,जबकि केंद्र सरकार ने जल मिशन की योजनाओं को समय से पूरा करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है ।इस कारण नया निदेशालय बनाकर नया प्रशासनिक तंत्र खड़ा कर इस काम को गति देने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। जल की गुणवत्ता जांचने का कार्य करने वाली समस्त प्रयोगशालाएं इस निदेशालय के अंतर्गत कार्य करेंगी ।अभी तक जल की गुणवत्ता की जांच का कार्य अन्य संस्थाओं के द्वारा होता था। 

आज देश के बड़े भूभाग में निरंतर जल संकट उत्पन्न होने ,भूगर्भ जलस्तर के नीचे जाने तथा जल स्रोतों के निरंतर नष्ट होते जाने के कारण जल की उपलब्धता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई हैl इन्हीं सब तथ्यों को दृष्टि में रखकर वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा था- भारत में पानी की सुरक्षा और सभी भारतीयों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम जल शक्ति मंत्रालय का गठन है ।जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में हर घर जल नल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा और जल शक्ति मंत्रालय राज्यों के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम देगा तथा निर्धारित समय से पूर्व देश के कोने कोने में रह रहे जन-जन को उसके घर में नल के माध्यम से जल उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त हो सकेगी।

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