*सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा कैंसर जागरूकता व जांच शिविर का आयोजन*

 नई दिल्ली 

आज कोरोंना की इस महामारी ने विश्व के साथ साथ पूरे भारत में अपनी विभीषिका से देश के जनमानस, उनकी रोजी रोटी और देश की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का पहुंचाया है। कोरोना महामारी के चलते अन्य लाइलाज बीमारियों की तरफ से लोगों का ध्यान हट गया है परंतु ये बीमारियां कोरोना से भी घातक हैं। ऐसी ही एक बीमारी जो महिलाओं में तेजी से अपने पांव पसार रही है वो है महिलाओं में अंडाणु बनाने वाले अंगों ओवेरियन (अंडाशय) या फैलोपियन ट्यूब का कैंसर।

अंडाशय के कैंसर का अक्सर तब पता चलता है जब यह पेड़ू और पेट में फैल चुका होता है। इसके अंतिम चरण में अंडाशय के कैंसर का इलाज ज़्यादा कठिन है और यह जानलेवा हो सकता है।

सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन पिछले कई वर्षो से महिलाओं की इन लाइलाज होती बीमारियों से बचाने और जागरूक करने के लिए अभियान चलाए हुए है। सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन ने दिल्ली एनसीआर, उत्तरप्रदेश, पंजाब और झारखंड के गांव और पिछड़े क्षेत्रों में जाकर समाज के अंतिम छोर पर मौजूद गरीब व वंचित महिलाओं तक अपनी पहुंच कायम कर अनेकों कैंप आयोजित कर महिलाओं से संबंधित कैंसर के प्रति जागरूक किया।  साथ साथ हजारों महिलाओं को शुरुआती लक्षणों के माध्यम से चिन्हित कर उनकी जांच करके उचित इलाज की व्यवस्था भी कराई। 

सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन की डॉक्टर वीना गुप्ता, प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष, रेडियोलॉजी विभाग, सफदरजंग हॉस्पिटल ने  बताया है कि शरुआती चरणों में अंडाशय के कैंसर के कोई लक्षण नहीं होते। बाद के चरणों में लक्षणों को पहचाना जाता है, लेकिन उनसे इसकी पहचान करना मुश्किल होता है क्योंकि वे अन्य रोगों के लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे भूख कम लगना और वज़न घटना इत्यादि। परंतु टेस्ट के माध्यम से इसको शुरुआत में ही पहचान कर इसका इलाज संभव है उन्होंने बताया कि उनकी संस्था सहभागिता ने अनेकों महिलाओं के अंदर पनप रही इस लाइलाज बीमारी को टेस्ट के माध्यम से शुरुआत में ही पहचान लिया और उचित इलाज के कारण आज वे सभी महिलाएं स्वस्थ है और अपने परिवार के साथ आनंद मे हैं। 

सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन के प्रख्यात जेनेटिक्स विशेषज्ञ डॉक्टर जी पी दास, ने बताया कि महिलाओं में   कई बीमारियां विटामिन डी की कमी के चलते उत्पन्न होती है। विटामिन डी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मज़बूत करता है और स्वस्थ रखने के साथ साथ यह शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को भी मज़बूत करता है और इसी वजह से यह कोविड-19 जैसे वायरस से लड़ने में भी कारगर साबित हो सकता है। 

इसी कड़ी में सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के सहयोग से नोएडा के सरफाबाद गांव में CA 125 और विटामिन डी की कमी का जांच शिविर 10 और 11 जुलाई को आयोजित किया जिसमे 300 महिलाओं की जांच विख्यात डॉक्टर वाई के गुप्ता, भूतपूर्व डीन AIIMS दिल्ली, प्रेसिडेंट, AIIMS भोपाल एवं जम्मू, डॉक्टर वीना गुप्ता, डॉक्टर जी पी दास, डॉक्टर शाहिद की देखरेख में की गई। सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन के स्वयंसेवकों द्वारा घर घर जाकर इस बीमारी के साथ साथ कोरोना से बचाव का जागरूकता अभियान कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए चलाया गया। 

बी एच ई एल द्वारा प्रायोजित इस जागरूकता अभियान को सफल बनाने में सरफराबाद गाँव के सामाजिक कार्यकर्ता  योगेन्द्र यादव और श्रीमती शहनवाज का विशेष सहयोग मिल रहा है। 

 योगेन्द्र यादव ने बताया कि इस जागरूकता कैंप और जांच शिविर के आयोजन को लेकर क्षेत्र में उत्साह था और लोगों ने बढ़ चढ़ कर इसमें भाग लिया।

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