प्रधानमंत्री के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा को लेकर तेजी से हो रहे हैं ठोस काम- श्री तोमर

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श्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा वेब संगोष्ठी

नई दिल्ली : कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री  के कुशल नेतृत्व में देश में खाद्य सुरक्षा को लेकर तेजी से ठोस काम हो रहा है, साथ ही भारतवासी स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए है। पिछले कुछ वर्षों में भारत के आर्थिक विकास के कारण कमजोर लोगों के लिए आजीविका में सुधार लाने में काफी प्रगति हुई है, आम लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठ रहा है। सरकार ने बचपन में कुपोषण व अविकसितता रोकने के लिए पोषण संबंधी योजनाओं/कार्यक्रमों पर गत वर्ष पौने 15 हजार करोड़ रू. खर्च किए हैं। इस बजट में एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम- मिशन पोषण की भी घोषणा की गई है।

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर, पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा, स्वस्थ कल के लिए आज सुरक्षित भोजन, विषय पर आयोजित वेब संगोष्ठी में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार ने समाज के विकास-कल्याण के लिए पोषण के महत्व के मद्देनजर स्कूलों में मध्याह्न भोजन, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को राशन, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए रियायती अनाज उपलब्ध कराने जैसे महत्‍वपूर्ण कदम उठाए है। इसमें आंगनवाड़ियों व सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अहम भूमिका है। साथ ही, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश को कुपोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से पोषण अभियान (समग्र पोषण के लिए प्रधानमंत्री जी की व्यापक योजना) शुरू करके इसे आगे बढ़ाया है। 

उन्होंने कहा कि पौष्टिक खाद्य उत्पाद सुनिश्चित करना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का अभिन्न पहलू है, यह सरकार के प्रमुख उद्देश्यों में से भी एक है। कृषि-खाद्य क्षेत्रों में विविध सुधारों व उपायों के कारण भारत में खाद्यान्न, फल-सब्जियां, डेयरी, मांस, पोल्ट्री आदि का उच्च उत्पादन देखा जा रहा है। श्री तोमर ने कहा कि नवीनतम तकनीक के प्रसंस्करण के जरिये, भोजन के पोषक मूल्य को संरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने निवेश आकर्षित करने व सुगम व्‍यापार को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल बनाने हेतु प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना लागू की है। मंत्रालय ने राज्य/ संघ शासित सरकारों के साथ साझेदारी में, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी व व्यावसायिक सहायता देने को सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य प्रसंस्‍करण उन्‍नयन योजना भी शुरू की है। ये योजनाएं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के निर्बाध विकास के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी तथा खाद्य सुरक्षा व पोषण के मुद्दों को भी बढ़ावा देगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने भी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में एक लाख करोड़ रू. के कृषि इंफ्रास्ट्रक्टर फंड की शुरूआत की है, जिसके माध्यम से गांवों-खेतों तक सुविधाएं विकसित होकर किसानों के फायदों के साथ ही खाद्य सुरक्षा के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। देश में छोटे किसानों की ताकत बढ़ाने, उन्हें महंगी फसलों की ओर आकर्षित करने व अनेक सुविधाएं बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता देने जैसे उद्देश्यों के लिए शुरू की गई 10 हजार नए एफपीओ बनाने की स्कीम भी मील का पत्थर साबित होगा। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देशभर में स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया था, जिससे खुले में शौच से मुक्ति मिलने के साथ साफ-सफाई का माहौल बहुत सुधरा है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सितंबर में राष्ट्रीय पोषण माह की शुरूआत कर इस माह देशभर में पोषण से संबंधित कई तरह के कार्यक्रमों को चलाया जाता है, ताकि अधिकाधिक लोग इसके प्रति जागरूक बने। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने भी पोषण माह को मनाया, हमारा लक्ष्य था प्रोसेस्ड फूड व उसमें युक्त पोषण के प्रति लोगों जागरूक करना। मंत्रालय ने अभियान का नाम दिया 'हर जीवन हो पोषण से रोशन'। इस दृष्टि से सतत विकास लक्ष्यों में भारत का योगदान व खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सकें, लोग अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें, उन्हें पोषणयुक्त सामग्री मिलें तथा योग आदि के माध्यम से हम चुनौतियों का सामना करने में सफल होंगे। उन्होंने पुरातन भारतीय पद्धितयों पर भी विचार करने की जरूरत बताते हुए कहा कि प्रकृति हमें दोहन की इजाजत देती है और शोषण की मनाही करती है। प्रकृति मनुष्य जीवन का प्रमुख आधार है, जिसके क्षरण से आज समस्याएं विद्यमान है। श्री तोमर ने पीएचडी चैम्बर जैसे संगठनों द्वारा खाद्य सुरक्षा/ पोषण जैसे विषयों पर जागरूकता बढ़ाने का काम करने के लिए प्रशंसा की। 

श्री तोमर ने कहा कि हालांकि कोरोना वायरस भोजन से नहीं फैलता है, परंतु वर्तमान में इस वैश्विक महामारी ने सबका ध्यान खाद्य सुरक्षा संबंधित मुद्दों, जैसे- स्वच्छता, रोगाणुरोधी प्रतिरोध, जलवायु परिवर्तन आदि की ओर आकर्षित किया है। हरेक नागरिक के लिए अच्छे पोषण, स्वच्छ भोजन व प्रतिरक्षा प्रणाली पर इसके प्रभाव को समझना व जागरूक रहना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। आज तेज गति वाले जीवन में बीमारियों से लड़ने के लिए, अच्छी प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए स्वस्थ-पौष्टिक आहार महत्वपूर्ण है, अतः खाद्य श्रृंखला के हरेक चरण पर भोजन को सुरक्षित-स्वस्थ रखने का प्रयास होना चाहिए। खाद्य सुरक्षा से मानव स्वास्थ्य, समृद्धि, कृषि, बाजार विपणन, पर्यटन व समग्र विकास आदि में सहायता मिलेगी। खाद्य की स्वच्छता, खाद्य की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।खाद्य सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। 

कार्यक्रम के इस प्रमुख सत्र में स्लोवेनिया में भारत की राजदूत श्रीमती नम्रता एस. कुमार, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की कार्यकारी निदेशक सुश्री इनोशी शर्मा, चैम्बर अध्यक्ष  संजय अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष  प्रदीप मुल्तानी, सीईओ अरूण सिंघल, चैम्बर के उपभोक्ता मामलों के अध्यक्ष प्रो. बेजोन कुमार मिश्रा ने भी विचार रखें। 

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