ग्रेटर नोएडा में 11 दिसंबर को लांच होगी औद्योगिक भूखंड की योजना

 

- सेक्टर-ईकोटेक-10 में 20 और 12 एकड़ के एक-एक और 2000 वर्गमीटर के 19 भूखण्ड होंगे

ग्रेटर नोएडा। औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और निवेश को आकर्षित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण औद्योगिक इकाइयों और उद्यमियों को एक और अवसर उपलब्ध कराने जा रहा है। यह जानकारी प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने दी। उन्होंने बताया कि जो लोग पहले प्राधिकरण की ओपेन-एन्डेड योजना में आवेदन नहीं कर सके थे या आवंटन प्राप्त नहीं कर सके थे, उनके लिए औद्योगिक भूखण्ड आवंटन की योजना 11 दिसंबर से पुन: आरम्भ की जा रही है। इसमें 20 और 12 एकड़ का एक-एक और 2000 वर्गमीटर के 19 भूखण्ड होंगे। ये भूखंड सेक्टर-इकोटेक-10 में उपलब्ध होंगे।

सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि औद्योगिक भूखण्ड आवंटन की ओपेन-एन्डेड योजना का ब्रोशर, नियम व शर्तें, भूखण्डों की सूची एवं अन्य विवरण प्राधिकरण की बेवसाइट 11 दिसंबर से उपलब्ध होगा। 31 दिसंबर तक प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षण एवं मूल्यांकन के बाद 01 से 10 जनवरी 2021 के बीच आवंटन प्रक्रिया को पूरा कर ड्रा और साक्षात्कार के माध्यम से भूखंड का आवंटन किया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि यूपी सरकार की औद्योगिक नीतियों के कारण प्रदेश उद्यमियों एवं निवेशकों के लिये मोस्ट प्रिफर डेस्टिनेशन वाला राज्य बन गया है। सरकार की कोशिशों का ही परिणाम है कि प्रदेश में लगभग 1100 औद्योगिक भूखण्डों का आवंटन किया जा चुका है। उसमें लगभग 9,700 करोड़ रुपये का पंूजी निवेश होने की संभावना है। इस निवेश के कारण लगभग दो लाख युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है।

सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि भारत सरकार की इज आफ डूइंग बिजनेस योजना के तहत वर्ष-2017 में उत्तर प्रदेश का देश में 12वें स्थान पर था, लेकिन वर्तमान में दूसरे स्थान पर आ गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अतिशीघ्र ही इज आफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश देशभर में अव्वल होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विभिन्न 22 औद्योगिक सेक्टरों के लिए विशेष नीतियां बनायी गयी हैं, जिससे निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक सेक्टरों को आवंटित करने के लिए लगभग 25000 एकड़ भूमि उपलब्ध है। फरवरी-2020 में आयोजित डिफेन्स एक्सपो सेे अब तक 50 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हो चुका है। इनमें कनाडा, यूएस, यूके, जापान और कोरिया जैसे देश शामिल हैं। 

सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सरकार के सहयोग से निवेश के लिए अनुकूल वातावरण और औद्योगिक नीतियां तैयार कर उद्यमियों एवं निवेशकों के लिये रेड कारपेट उपलब्ध करा करा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां निवेश करने में रुचि दिखा रही हैं। जापान, कोरिया, ताईवान आदि देशों की इलेक्ट्रानिक क्षेेत्र में कार्यरत कम्पनियां अपनी ग्रेटर नोएडा में निवेश की इच्छुक हैं। 

नरेंद्र भूषण ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक क्षेत्र में बीते तीन माह में भूमि आवंटन के लिए ओपन-इन्डेड योजना लाकर औद्योगिक भूखण्डों का आवंटन किया है। नालेज पार्क-5 में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के डाटा सेंटर का भी आवंटन किया गया है, जिससे ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में लगभग 6700 करोड़ रुपये का निवेश होगा और लगभग 6000 लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 

उन्होंने बताया कि ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-इकोटेक-10 एवं इकोटेेक-11 में कुल 44 औद्योगिक इकाईयों को लगभग 97,200 वर्गमीटर (24 एकड़) भूमि का आवंटन किया है। उसमें मुख्य रूप से इन्जेक्शन मोल्डिंग, रेडीमेड गारमेन्ट्स, फेब्रिकेशन, प्रिन्टिंग, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक, एलेक्ट्रानिक्स गुड्स, मोबाइल पार्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स के लिए आवंटन किया गया है। 

सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि 44 औद्योगिक आवंटनों में से 10 आवंटियों ने एकमुश्त भुगतान करने का विकल्प चुना है। ग्रेटर नोएडा में मुम्बई के प्रमुख हीरा नन्दानी समूह को देश का पहला योट्टा डाटा सेंटर पार्क  बनाने के लिए  10 अक्टूबर को 20 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया। इसके अलावा कोरियन कम्पनी को लगभग 35 एकड़ भूमि का आवंटन सेक्टर-ईकोटेक-10 में किया गया है। इसमें 550 करोड़ रुपये का पूॅजी निवेश होगा और लगभग 4000 लोगों को े रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्राधिकरण ईकोटेक-6 में लगभग 100 एकड भूूमि पर इलेक्ट्रानिक कलस्टर का विकास कर रहा है। इसमें लगभग 5000 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा।  

इकोटेक-7 में लगभग 110 एकड़ भूमि पर इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक उत्पाद के लिए विकास के लिए लगभग 2000 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा। 

आईआईटीजीएनएल द्वारा भी ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में 5 महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों को लगभग 154 एकड़ भूूमि का आवंटन किया गया है। इसमें क्षेत्र में लगभग 3710 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही लगभग 8200 लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

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