प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने किसानों को दी स्मार्ट खेती की जानकारी

 एमिटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में 30 से अधिक महिला पुरुष किसानों ने भागीदारी निभाई


नोएडा। एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फाउडेशन द्वारा एशिया पैसफिक नेटवर्क फॉर ग्लोबल चेंज रिर्सच के सहयोग से गौतमबुद्ध नगर के कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका मकसद जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निबटने के लिए किसानों की क्षमताओं में इजाफा करना और उन्हें स्मार्ट खेती के लिए तैयार करना है। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आसपास के नौ गांवों के 30 से अधिक महिला-पुरुषों ने हिस्सा लिया।


एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा. अशोक कुमार चौहान ने कहा कि कृषक किसी भी देश की उन्नति में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्र के विकास के लिए कृषकों का विकास और उनकी समस्याओं का निवारण होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एमिटी के वैज्ञानिकों द्वारा समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों से किसानों की समस्याओं को दूर करने और उन्हें उन्नत खेती की जानकारी देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए स्मार्ट खेती प्रणाली को कृषकों द्वारा अपनाना समय की मांग है। गौतमबुद्ध नगर के कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख डा. मयंक राय ने कहा कि किसानों के बेहतरी के लिए नई तकनीकी का प्रशिक्षण देने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र सभी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए केन्द्र में कृषि की विभिन्न जलवायु स्मार्ट प्रथाओं के संर्दभ में विस्तृत जानकारी प्रदान की। एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशिका डा. नूतन कौशिक ने कहा कि स्थायी कृषि के सामने बढ़ता हुआ तापमान एक मुख्य चुनौती है और अन्न उत्पादकता को बनाये रखने के लिए हमें नये कृषि अभ्यासों को विकसित करना होगा। उन्होंने किसानों को बदलते जलवायु परिवर्तन एवं उसका कृषि पर प्रभाव के साथ जीवन के अन्य भागों पर प्रभाव को बताया। उन्होंने जलवायु तापमान में वृद्धि के कारण कीटों और कीटों की वृद्धि सहित कृषि पर जलवायु परिस्थितियों के विभिन्न प्रभावो की जानकारी प्रदान की। डा. कौशिक ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए जलवायु स्मार्ट प्रथाओं के संर्दभ में विस्तार से जानकारी प्रदान की।


एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. आरएस एंटील ने नियंत्रित जलवायु परिवर्तन प्रभाव में कार्बन फिक्सेशन के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने भूमि परीक्षण एवं भूमि कार्ड के वृहद समय के उपयोग के महत्व को भी बताया। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डा. हर्षवर्धन चौधरी ने छोटे किसानों के लिए जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए सब्जी के खेती के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने जलवायु परिस्थितियों की विविध चरणों के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार की सब्जियों के संर्दभ पर चर्चा भी की।


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