अमेज़न के विरुद्ध फ्यूचर रिटेल की जंग के समर्थन में आगे आया कैट

Noida


"अभी हाल ही में भारतीय कम्पनी फ्यूचर रिटेल ग्रुप के अमेज़न के साथ चल रही अधिग्रहण की लड़ाई के परिणाम स्वरूप लिक्विडेशन के कगार पर पहुचने का फ़्यूचर रीटेल का बयान हमे कोलोनियल युग की याद दिलाता है, जब ईस्ट इंडिया कंपनी हमारे भारतीय उद्योग के खात्मे की प्रक्रिया में एक के बाद एक राज्य का अधिग्रहण करते हुए भारतीय व्यापार को नियंत्रित कर अपना एकाधिकार घोषित कर रही थी", ये कहना है कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्ज़(कैट) के दिल्ली एन सी आर संयोजक , सुशील कुमार जैन का।


फ्यूचर रिटेल के मुद्दे पर अपनी राय रखने के दौरान उन्होंने कहा कि ये भारतीय सरकार और बड़े भारतीय कॉरपोरेट्स के लिए चिंताजनक और विचार करने वाले हालात है क्यों इससे साफ तौर पर विदेशी निवेशकों द्वारा फण्ड की जा रही एम एन सी के भयावह मंसूबो का पता चलता है। श्री  जैन ने आगे कहा कि अमेज़न के खिलाफ देश मे पहले ही कई जांच चल रही है जिसमे एफडीआई पालिसी का उलंघन भी शामिल है, पर वो लगातार देश की कानूनी प्रक्रिया से बचने की कोशिश करते रहे है और अपने स्वार्थ के लिए वर्तमान मुद्दे पर विदेशी अरबिटरेशन पैनल के अधिकार क्षेत्र के बार बार दुरुपयोग करने से गुरेज़ नही करते है ।अमज़ोन क़ी चादर पर दाग के धब्बे हैं फिर किस मुँह से वो न्याय की दुहाई दे रहा है ।


कैट के दिल्ली एन सी आर संयोजक श्री  जैन ने कहा कि मौजूदा हालात में भारतीय कंपनियों का अस्तित्व खतरे में है, और हम फ्यूचर रिटेल के साथ है क्यों कि वो एक भारतीय कंपनी है और हमारे देश के  7 करोड़ व्यापारी हर हालात में एक विदेशी कंपनी के साथ उनकी इस जंग में आखिर तक उनका साथ नही छोड़ेंगे। हालांकि यहां पर श्री सुशील कुमार जैन ने इस मुद्दे पर देश के उद्धयोग संगठन फ़िक्की और सीआईआई की चुप्पी पर सवाल उठाए और कहा कि ये हमेशा भारतीय उद्योग और कॉमर्स के हितों को वकालत तो करते है पर समय आने पर अपने स्वार्थों के कारण चुप्पी साध लेते है।  श्री सुशील कुमार जैन ने कहा की भारतीय कंपनियां जैसे कि फ्यूचर रिटेल के साथ हमारे कई मतभेद रहे है पर उनको सुलझाने के लिए  कैट ने हमेशा भारत सरकार और कोर्ट से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है, क्यों कि ये हमारा आंतरिक मामला है। पर अगर कोई विदेशी कंपनियां हमारे भारतीय उद्योग सेक्टर में बार बार आक्रमण करेंगी तो कैट इनका जम कर मुक़ाबला करने के लिए चूकेगी नहीं ।


श्री जैन का कहना है कि फ्यूचर रिटेल और रिलाइंस ग्रुप के करार को बाधित करने के उद्देश्य से अमेज़न द्वारा सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर नियम को लागू करने का प्रयास ये साफ बतलाता है कि वो फ्यूचर रेटेल पर अपना नियंत्रण और दबाव बनाना चाहते है जिससे फ्यूचर रिटेल के 1500 स्टोर्स पर भी उनका कब्ज़ा हो जाये। अमेज़न के गुप्त अभिप्राय और षडयंत्र का पता इसी बात से लगता है कि उन्होंने भारतीय आर्बिट्रेशन एक्ट की बजाए सिंगापुर में मौजूद आर्बिट्रेशन पैनल का चयन किया है।


भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर को विदेशी निवेशकों द्वारा नियंत्रित करने वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के नापाक इरादों से आगाह करते हुए  सुशील कुमार जैन ने कहा कि किसी भी विदेशी एमएनसी से करार करने से पहले हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके इरादे क्या है और वो भारतीय रिटेल सेक्टर से जुड़े 40 करोड़ से ज्यादा लोगों तथा देश के बड़े हित में हैं अथवा नहीं । अपने अल्पकालिक लाभ देश के हितों के लिए अक्सर हानिकारक साबित होते है।  उन्होंने संयुक्त रूप से  किशोर बियानी को  डिस्ट्रीब्यूटरो और फ्यूचर रिटेल के सप्लायर को जल्द से जल्द  भुगतान करने को कहा जिससे वो किसी परेशानी में न फस जाए।


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