नोएडा में डीजल जनरेटर सेट पर लगी रोक हटे - लोकमंच

नोएडा 


नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर के शहरों में EPCA के आदेश पर 15 अक्टूबर से डीजल से चलने वाले जेनरेटरों पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश को लागू करने से पहले जिला प्रशासन ने जनता की व्यवहारिक परेशानियों पर कोई चर्चा नहीं की।


नोएडा लोकमंच ने सजग प्रहरी के नाते इस मुद्दे को केंद्र सरकार में ऊर्जा व पर्यावरण मंत्रालय, EPCA के अध्यक्ष भूरेलाल, यूपी के ऊर्जा व पर्यावरण मंत्री के सामने रखा है।


नोएडा लोकमंच के महासचिव महेश सक्सेना ने बताया कि कोरोना काल में सभी तरह के कार्य प्रभावित थे। उद्योगों ने अपना उत्पादन शुरू किया था। अचानक बिना किसी तैयारी के जनरेटर पर प्रतिबंध ने कई दिक्कतें पैदा कर दी हैं। जिनका समाधान किये बिना प्रतिबंध से जनता प्रभावित होगी।


नोएडा लोकमंच ने निम्न सुझाव भी दिये हैं. 


1. 24 घण्टे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो, बिजली विभाग के दावे और हकीकत में अंतर है। इसके लिए अस्पताल के इमरजेंसी सेवा में कितने घण्टे जनरेटर चले और पानी की आपूर्ति में ट्यूबवेल पर कितना डीजल इस्तेमाल हुआ उससे हकीकत पता चलती है। इससे पिछले 6 महीने का आंकड़ा लिया जा सकता है।


2. उद्योगों व संस्थानों में लगे डीजल जेनरेटरों का विकल्प चरणबद्ध तरीके से तैयार किया जाए। उन्हें सीएनजी या पीएनजी जिससे भी चलाया जाए, उसके लिए उन्हें कन्वर्ट करने के साथ ही सरकार समय दे ताकि लोग वैकल्पिक व्यवस्था कर लें और स्थायी रूप से पर्यावरण बेहतर हो सके।


3. सड़क पर चल रहे वाहनों को सुबह 6 बजे से 10 बजे तक उद्योगों की विभिन्न शिफ्ट में चलाया जा सकता है, इससे एक साथ वाहनों की भीड़ सड़क पर नही आएगी।


4. बड़े-बड़े अपार्टमेंट व टॉवरों में लिफ्ट जनरेटर से चलती हैं, बिजली ना रहने पर ऊंची मंजिल पर रहने वाले कैसे अपने फ्लैट्स में जाएंगे।


नोएडा लोकमंच ने मांग की है कि उपरोक्त सभी समस्याओं का अध्ययन करने के बाद ही डीजल जनरेटर सेट इस्तेमाल पर रोक लगे तो बेहतर होगा।


 


 


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