हॉलमार्किंग की प्रक्रिया आसान एवं सबकी पहुंच में हो - ज्वेलर एसोसिएशन

 नोएडा 


आल इण्डिया ज्वैलर्स & गोल्डस्मिथ फेडरेशन AIJGF के द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के हॉलमार्क विभाग के मुखिया  संजीव मेनी एवं हॉलमार्किंग एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष  अश्विन जैन के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके एआई जेजीएफ के राष्ट्रीय संयोजक  पंकज अरोड़ा, संस्थापक  सुशील कुमार जैन, राष्ट्रीय प्रवक्ता  नितिन केडिया ,सोशल मीडिया हेड  प्रमोद शर्मा, मेंबरशिप हेड  मणीन्द्र सोनी , क्रिएटिव हेड  सागर केसरवानी एवं देशभर से जुड़े ज्वेलरी व्यवसाय के अग्रणी रिटेलर्स एवं एआईजी जीएफ के सभी संस्थापक सदस्य एवं देश भर से एआईजी जीएफ के राज्यों के संयोजक एवं अन्य पदाधिकारीगण के साथ हॉल मार्किंग नियम कानूनों को लागू करने में आ रही परेशानियों को साझा करने एवं और हालमार्किंग संबंधित नियम कानूनों का जानकारी लेने के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन किया गया


इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में देश भर से AIJGF से जुड़े ज्वेलर्स ने भारी मात्रा में जुड़कर भारतीय मानक ब्यूरो के हॉल मार्किंग विभाग के हेड  संजीव मेनी द्वारा दी गई एक प्रेजेंटेशन को देखा एवं इस प्रेजेंटेशन के बाद सवाल जवाब के दौर में ज्वेलर्स के मन में आ रही आशंकाओं के संबंध में अपने प्रश्न किए जिनका  जवाब  संजीव मेनी एवं  अश्विन जैन द्वारा दिया गया.


इस कार्यक्रम में लखनऊ से  प्रदीप अग्रवाल ,दिल्ली से श्री विजय खन्ना , राकेश मलिक ,श्रीमती रेनू शर्मा बिहार, बंगाल ,महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान,छत्तीसगढ, हरियाणा, पंजाब उत्तराखंड आदि राज्यों से विशेष रुप से सवाल जवाब किए गए.


कुछ ज्वेलर्स जो की पहले से ही BIS रजिस्टर्ड हैं उनकी लाइसेंस वैधता समाप्त हो गई है उनके लिए नवीनकरण प्रक्रिया क्या है क्यों की नवीनीकरण की प्रक्रिया अभी तक साइट पर शुरू नहीं हुई है कृपया इस संबंध में हम ज्वैलर्स बंधुओं को अवगत कराएं जिससे लाइसेंस का नवीनीकरण कराया जा सके।


 मेरा प्रश्न उन सीमांत छोटे सुनार/व्यापारी के लिए है जो अपनी आर्थिक तंगी के कारण हॉलमार्किंग निर्धारित पंजीयन शुल्क नहीं वहन कर सकता बहुत ही कम टर्नओवर के कारण GST में भी पंजीकृत नहीं है 


 ऐसे छोटे व्यापारियों के लिए हॉलमार्किंग अधिनियम में क्या प्रावधान है अन्यथा ऐसे व्यापारी/सुनार के व्यापार को प्रतिस्पर्धा से बाहर होने का खतरा है      


अतः ऐसे सीमांत सुनार /व्यापारी जिसका सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से भी कम है, के लिए हॉलमार्किंग पंजीयन की बाध्यता समाप्त की जानी चाहिए और सिर्फ ज़ेवर का Hallmarking charge जो 35 रुपे प्रति नग है वो लिया जाना चाहिए 


क्योंकि छोटे बड़े सभी सुनार /व्यापारी बिना hallmark कराये ज़ेवर नहीं विक्रय कर पाएंगे ऐसे में बहुत ही जल्द छोटे सीमांत सुनार /व्यापारी प्रतिस्पर्धा के चलते अपने व्यापार को बंद करने के लिए विवश हो जाएंगे और देश में बेरोजगारी और बढ़ जाएगी


यदि कोई ज्वेलर्स 10grm का ऑर्नामेंट किसी होलसेलर से खरिदता है, हॉलमार्क करके दुकान मे रखता है, ओर ग्राहक को वेचता है,


ग्राहक चेक करता है, मगर वह ऑर्नामेंट टाके का होने , या केडीएम का ? और वह 91.6 नही बैठता 


 मेरा प्रश्न यह है कि इस स्थिति में विभाग किसे दोषी सिद्ध करेगा होलसेलर को, रिटेलर्स को या हॉलमार्किंग सेंटर को


हॉलमार्किंग अधिनियम में केडीएम का उपयोग करने पर भी पाबन्दी है,अतः दुकानदार टांके का माल हॉलमार्क कैसे कराये


 क्योंकी जिंक केडीएम मे भी केडीएम होता है, जो आज प्रचलन में है केडीएम मगर , जैसे हॉलमार्क कानून आया है वैसे क्या कभी आगे केडीएम पर कारवाई हो सकती है?क्यो हॉलमार्किंग कानून में अभी किसी भी तरह से केडीएम का प्रयोग प्रतिबंधित है


यदि कोई दुकानदार किसी भी होलसेलर्स से गोल्ड जवेलरी खरीदता है और उसे किसी भी मान्यता प्राप्त हॉलमार्क सेन्टर से हॉलमार्क करवाता है और सेल करता है  * जैसेे किन्तु किन्ही स्थितियों में उसी ज्वेलरी को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा सैंपल के रूप मे लेती और वह ज्वेलरी BIS के टेस्टिंग मे कुछेक % से फेल हो जाती है तब उस परिस्थित मे दोषी BIS किसको ठहराएगी यानिकी कार्यवाही किसके उपर होगी होलसेलर या हॉलमार्क सेनटर या रिटेलर्स पर क्योंकि रिटेलर्स ज्वेलरी बनवाता नही है होलसेलर बनवाता है हॉलमार्क सेन्टर टेस्टिंग करता है ?


निर्माता से यदि कोई रिटेलर्स माल खरीद कर बेच रहा है तो हॉलमार्क किसका लगेगा, manufacture का या retailer का ?


यदि manufacturers का hollmark लगा हुआ माल का टंच कम निकलता है तो कार्यवाही किस पर होगी?


क्यों ना ऐसी स्थिति में सिर्फ hollmark center पर ही कार्यवाही होने का प्रावधान किया जाता, क्युंकि उसकी जिम्मेदारी माल को जांच कर सही hollmark लगाने की है


जो स्वर्णकार/दुकानदार सीधे ग्राहक से पुराना सोना ले कर स्वयं ज्वैलरी निर्मित कर ग्राहक को ज्वैलरी बना कर देते हैं, हॉलमार्किंग में उनके लिए क्या प्रावधान है क्या उन्हें भी हॉलमार्किंग लाइसेंस लेना अनिवार्य है ?


क्या 2gm से कम वजन की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग कराना अनिवार्य नहीं है ?


यदि स्वर्णकार के पास हॉलमार्किंग नियमों 14, 18, और 22 CT के अतिरिक्त किसी ग्राहक द्वारा अन्य शुद्धता की ज्वैलरी की डिमांड आती है अथवा घ्राहक खुद की पुरानी ज्वैलरी गलवा कर नयी ज्वैलरी बनवाना चाहता है तो स्वर्णकार निर्मित कर सकता है कि नहीं ?


 यदि स्वर्णकार किसी ज्वैलर्स के ऑर्डर पर ज्वैलरी निर्मित कर देता है तो हॉलमार्किंग किसे करानी होगी ?


 देश में महाराष्ट्र सहित कई राज्यो मे बहोत से ग्राहक 99.5 की पारंपरिक ज्वेलरी अपने सामने बैठ कर ही निर्मित कराते हैं अथवा अपनी पुरानी ज्वैलरी को ही गला कर नयी ज्वैलरी निर्मित करता है


हॉलमार्किंग नियमों में इसके लिए क्या प्रावधान हैं स्पष्ट करें


क्या GST पर जॉब वर्क करने वाले कारीगर को या ज्वैलरी निर्माता को हॉलमार्किंग लाइसेंस लेना होगा, 


यदि लेना होगा तो जॉब वर्कर्स को या होलसेलर्स को ?


उदाहरण के तौर पर यदि कोई होलसेलर्स 100 पीस रिंग जिनका प्रत्येक का वजन 2.5 gm से 5.0gm तक है कुल वजन 400 gm है तो निर्माता होलसेलर्स को पूरी ज्वैलरी 400gm का एक बिल ही देगा या उसे प्रत्येक पीस का अलग अलग वजन बिल में दर्शाना होगा ?


यदि उक्त ज्वैलरी के कुल 100 पीस में से 25 पीस होलसेलर्स किसी रिटेलर्स को देता है तो होलसेलर्स को पुनः अपनी हॉलमार्किंग स्टाम्प लगवानी पड़ेगी या वह निर्माता की स्टाम्प पर ही रिटेलर्स को दे सकता है ?


यदि होलसेलर्स निर्माता के ही स्टाम्प से ज्वैलरी रिटेलर्स को दे सकता है तो इन 25 पीस को वह बिल में किस प्रकार प्रदर्शित करेगा ?


हॉलमार्किंग नियमों में बुलियन व्यवसाइयों के लिए क्या प्रावधान हैं ?


 स्वर्ण सिक्का


     गिन्नी


    99.50 बैंक मेटल


    9999 बैंक मेटल


    स्थानीय रिफायनरी मेटल आदि पर हॉलमार्किंग के प्रावधान होंगे ?


बुलियन व्यापारियों को ग्राहक का पुराना सोना कहाँ रिफाइंड कराना होगा इस पर हॉलमार्किंग के क्या प्रावधान होंगे ?


यदि कोई बुलियन व्यापारी 500gm या 1-Kg का बुलियन बार बैंक से लेता है उसे 100gm या 200gm टुकड़ों में काट कर सेल करता है तो क्या हर टुकड़ों पर हॉलमार्किंग भी करानी होगी और वह इसे अपने बिल में किस प्रकार प्रदर्शित करेगा ?


यदि किसी ज्वैलर्स के स्टॉक में 2014 -15 का हॉलमार्क वाला समान पड़ा है जो कि KDM जॉइंट का था हालमार्क पास है विद बिलअब KDM जॉइंट पास नही होता 


तो ज्वैलर्स यह ज्वेलरी दुकान पर रख सकते हैं अथवा नही ?


इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय संयोजक एआई जे जी एफ  पंकज अरोड़ा द्वारा कई ज्वलंत प्रश्न हॉलमार्किंग को लेकर उठाए गए जिनका की  संजीव मैनी द्वारा निराकरण किया गया कार्यक्रम का संचालन एआईजी जी के संस्थापक श्री सुशील कुमार जैन द्वारा किया गया. कार्यक्रम के अंत में ए आई जे जी एफ के राष्ट्रीय संयोजक  पंकज अरोड़ा द्वारा सभी मेहमानों एवं कार्यक्रम से जुड़े ज्वेलर्स का धन्यवाद किया एवं आगे भी ज्वेलरी व्यवसाय से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर इसी तरह कार्यक्रम करते रहने का आश्वासन दिया गया.


कार्यक्रम के अंत में सुशील कुमार जैन ने उपस्थित सभी सम्मानित ज्वेलर्स एवं मेहमानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम लोग इसी तरह ज्वलंत मुद्दों पर बहस करते हुए संबंधित अधिकारियों को बीच में लाकर समाधान खोजते रहेंगे


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