ग्रामीण क्षेत्र में कौशल विकास के लिए डीडीयू-जीकेवाई बनी मील का पत्थर- श्री तोमर

"कौशल से कल बदलेंगें", अंत्योदय दिवस पर मनाया गया डीडीयू-जीकेवाई का स्थापना


नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि एवं किसान कल्याण तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि समय के साथ रोजगार को लेकर मानसिकता में तेजी से बदलाव हुआ है। पहले सरकारी नौकरी हासिल करने पर ही युवाओं का ध्यान केंद्रित रहता था, किंतु अब वे अपने कौशल के बल पर स्वरोजगार से लेकर उद्योगों में अच्छा मुकाम हासिल कर रहे हैं। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में कौशल विकास के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) ने ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे समाज के उस युवा वर्ग तक पहुंच कर कौशल विकास का कार्य किया हैं, जो अब तक इससे वंचित थे। यह योजना युवाओं को रोजगार से जोड़ने में मील का पत्थर साबित हो रही है। श्री तोमर शुक्रवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अंत्योदय दिवस के अवसर पर आयोजित कौशल से कल बदलेंगे कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।


डीडीयू-जीकेवाई के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति तथा संबंधित अधिकारी-कमर्चारी, परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के प्रतिनिधि, नियोक्ता एवं ग्रामीण युवा शामिल हुए।


 श्री तोमर ने क्रियान्वयन में एक बेंचमार्क स्थापित करने के लिए, डीडीयू जीकेवाई के सभी भागीदारों को बधाई दी। उन्होंने ग्रामीण युवाओं को कुशल होने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि "कोई भी डिग्री नौकरी नहीं दे सकती है, यदि युवा कुशल नहीं है। केवल कौशल ही बेहतर भविष्य का निर्माण करा सकता है।" उन्होंने स्वरोजगार के महत्व पर भी प्रकाश डाला और युवाओं से आह्वान किया कि वो स्वयं के भविष्य के निर्माता बनें। मंत्री ने ख़ुशी ज़ाहिर की कि इस योजना में अब तक 10.51 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर 6.65 लाख लाख युवाओं को सफलतापूर्वक रोज़गार से जोड़ा गया है। उन्होंने भारत को एक समृद्ध देश बनाने में कौशल विकास के महत्व पर भी प्रकाश डाला।


श्री तोमर ने एग्रीप्रेन्योरशिप प्रोग्राम का उद्घाटन किया तथा डीडीयू-जीकेवाई के तहत कैप्टिव रोजगार के दिशा-निर्देश, एकीकृत कृषि क्लस्टर के प्रोत्साहन के लिए दिशा-निर्देश, डीडीयू-जीकेवाई के उम्मीदवारों की सफलता की कहानियों का संग्रह का विमोचन किया। इस अवसर पर किसान उत्पादक संगठनों/स्टार्ट अप्स की क्षमता निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में इंक्युबेशन हेतु सहायता प्रदान करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय और आईसीएआर- केवीके व आरसीआरसी (एनजीओ का राष्ट्रीय गठबंधन) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।


राज्य मंत्री ने "कौशल से कल बदलेंगे" कार्यक्रम के आयोजन के लिए सभी भागीदारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सफल उम्मीदवारों की कहानी साझा करने से अन्य ग्रामीण युवा भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने 'कौशल के माध्यम से आत्म निर्भर भारत' के संदर्भ में ग्रामीण विकास के महत्व का भी उल्लेख किया। उन्होंने सभी भागीदारों को सुझाव दिया कि वे अन्य इच्छुक ग्रामीण युवाओं को डीडीयू-जीकेवाई से जोड़े और समाज में एक परिवर्तन लाने का सफल प्रयास करें। 


दोनों मंत्रियों ने कोयंबटूर, बैंगलुरू, गुरूग्राम और हैदराबाद के रोजगार प्राप्त उम्मीदवारों और नियोक्ताओं से ऑनलाइन चर्चा की, जिन्होंने अपने अनुभव साझा किए।


ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव  नागेंद्र नाथ सिन्हा ने डीडीयू जीकेवाई की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने देशभर में ग्रामीण विकास के लिए डीडीयू जीकेवाई और एकीकृत कृषि पहल के महत्व के बारे में भी बात की।


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