बिहार की जनता को यहाँ ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ से जुड़े सुखद ऐतिहासिक परिवर्तन की जरूरत - मायावती

नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने भी बिहार राज्य पार्टी इकाई की सलाह पर व उनसे काफी गहन विचार-विमर्श करके यहाँ गठबन्धन के तहत् यह चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।


उन्होने कहा कि यह गठबन्धन हमारी पार्टी ने ऐसी पार्टी के साथ करने का फैसला लिया है जिससे बिहार की राजनीति, सरकार व सामान्य जनजीवन में भी ज्यादातर उपेक्षा, तिरस्कार व दुर्दशा के शिकार, यहाँ के खासकर दलितों, आदिवासियांे, अति पिछडे़ वर्गाें, अकलीयतों व अपरकास्ट समाज में से गरीबों आदि को हर स्तर पर न्याय व बराबरी का हक मिल सके।साथ ही, यहाँ अति-गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों एवं अन्य मेहनतकश लोगों का भी भला हो सके। वैसे भी अभी तक यहाँ शुरू में चाहे अकेले किसी भी एक पार्टी की सरकार बनी हो या पिछले कुछ वर्षों से यहाँ जिस भी गठबन्धन की सरकार बनी है, तो उन्होंने यहाँ इन लोगों के हितों का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा है। ऐसे में कुल मिलाकर बिहार की जनता को यहाँ ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ से जुड़े सुखद ऐतिहासिक परिवर्तन की सख्त जरूरत है जिसके मद्देनजर ही बी.एस.पी. ने अपनी विचारधारा एवं मूवमेन्ट को खास ध्यान में रखते हुये ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(आर.एल.एस.पी.) आदि के साथ गठबंधन करके यहाँ विधानसभा आमचुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिसकी आज हमारी पार्टी के बिहार प्रदेश के प्रभारी रामजी गौतम की उपस्थिति में पटना में औपचारिक घोषणा भी हो चुकी है जिसको मेरा पूरा आर्शीवाद प्राप्त हैऔर यदि इस नए बने गठबन्धन को बिहार की जनता का भी पूरा आर्शीवाद प्राप्त हो जाता है तो फिर इस गठबन्धन की ओर से  उपेन्द्र कुशवाहा ही मुख्यमंत्री बनेंगे, जो इस गठबन्धन का नेतृत्व भी कर रहे हैं।


मायावती ने कहा कि वैसे भी इस नए गठबन्धन का मुख्य उद्देश्य बिहार में खुशहाली लाकर यहाँ की जनता को खासकर गरीबी, बेरोजगारी व बाढ़ आदि की समस्या से मुक्ति दिलाना है ताकि पीढ़ियों से चली आ रही घर-घर से यहाँ पलायन की विवशता से लोगों को राहत मिल सके जिनकी कोरोना महामारी के दौरान् लगे लाॅकडाऊन में हमें काफी दुर्दशा देखने के लिए मिली है और साथ ही, इन सभी लोगों की सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक शक्ति को बढ़ाना इस गठबन्धन का मुख्य उद्देश्य है जिनकी बिहार में षडयंत्र के तहत अब तक घोर उपेक्षा होती रही है।अतः बिहार की जनता से अपील है कि वे इस गठबंधन को सेवा का एक मौका जरूर दें।


मायावती ने बताया कि उपेन्द्र कुशवाहा अति-पिछड़े वर्ग से आते हैं और वे बिहार के गरीबों की दुःख-तकलीफ को अच्छी तरह से समझते हैं। वे यूपी के बी.एस.पी. पैटर्न पर बिहार में सरकार चलाकर दबे-कुचले समाज के लोगों का सही भला कर सकते हैं। वैसे भी आजादी के बाद से ज्यादातर समय तक कांग्रेस पार्टी का केन्द्र व बिहार सहित विभिन्न राज्यों में एकछत्र राज रहा है लेकिन बाद के वर्षो में यहाँ गठबंधन की भी सरकारें लगातार बनती रही है किन्तु उससे भी बिहार के लोगों की गरीबी व बेरोजगारी आदि की समस्या का समाधान नहीं हो पाया व बिहार लगातार गरीब व बहुत पिछड़ा बना हुआ है। वर्तमान में भी सत्ताधारी पार्टियाँ चुनाव के समय फिर से लुभावने वायदे व घोषणायें आदि खूब कर रही हैं जबकि यही वायदे/आश्वासन/शिलान्यास आदि इन्होंने कुछ समय पहले सही सोच व साफ नीयत से किये होते, तो अब तक इन योजनाओं का उद्घाटन होने का समय आ गया होता। इसीलिए यहाँ आजमायी हुई पार्टियों को बार-बार आजमाते रहकर पछताने के बजाए आपसे पुनः अनुरोध है कि आप लोग हमारे नए गठबंधन को इस चुनाव में एक मौका जरूर दें। अब मेरा यही कहना है कि हालाँकि कोरोना प्रकोप को लेकर चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों व पाबन्दी आदि के कारण ही मैं स्वयं आपके समक्ष उपस्थित नहीं हो पाई हूँ, लेकिन मीडिया की मार्फत अपनी अपील के माध्यम से, मैं आप लोगों के करीब हूँ और आप सभी से इस अवसर पर विशेष अपील भी है कि आप लोग अपना पूरा ख्याल रखते हुए तीन चरणों में हो रहे मतदान में जरूर बढ़-चढ़ कर भाग लें ताकि आपके विकास व उत्थान हेतु सत्ता की मास्टर चाबी सही हाथों में आ सके।


उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग ने देश के कुछ राज्यों में लोकसभा व विधानसभा की खाली हुई सीटों पर उपचुनाव कराने का भी ऐलान किया है जिनमें से हमारी पार्टी केवल दो राज्यों में अर्थात उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश में यहाँ खाली हुई सभी विधानसभा की सीटों पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ यह उपचुनाव अकेले अपने बलबूते पर लडे़गी। बाकी राज्यों में होने वाले उपचुनावों में बी.एस.पी. अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। वहाँ पार्टी के लोग, बिहार प्रदेश को छोड़कर, किसी भी सही आजाद उम्मीदवार को अपना वोट दे सकते हैं। लेकिन बिहार में पार्टी के लोग अपने गठबन्धन के उम्मीदवार को ही वोट देंगे। साथ ही, इन उपचुनावों में भी कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर विभिन्न पाबन्दियों आदि के कारण मेरा इन सब जगह जाना संभव नहीं है और वैसे भी बी.एस.पी. ज्यादातर न तो उपचुनाव लड़ती है और न ही मैं उपचुनावों में कहीं जाती हूं, इसीलिए इन दोनों राज्यों (उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश) के सभी छोटे-बड़े पदाधिकारियों से मेरा अनुरोध व अपील है कि वे पूरी जी-जान से चुनाव लड़कर अपनी पार्टी उम्मीदवारों को जरूर कामयाब बनायें।


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