बीजेपी की साजिशों का पुरजोरी विरोध करेगी सपा : राजेंद्र चौधरी

कृषि और श्रम कानूनों के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन भेजेगी सपा 


प्रदेश के हर जिले से कार्यकर्ता 25 को सौंपेंगे डीएम को ज्ञापन 


लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 25 सितम्बर को समाजवादी पार्टी सभी जनपदों में शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए किसानों एवं श्रमिकों के हितों पर आघात पहुंचाने वाले कृषि एवं श्रम कानूनों के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपेगी।


यह जानकारी समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने प्रेस को जारी बयान में दी। उन्होंने बताया कि किसानों के हितों की अनदेखी करने वाला जो कृषि विधेयक भारत सरकार लाई है, उससे किसान अपनी जमीन का मालिक न रहकर मजदूर हो जाएगा। कृषि उत्पादन मण्डी की समाप्ति और विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित न होने से किसान अब औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होगा। गेहूं, धान की फसल को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाये जाने से किसान को बड़े आढ़तियों और व्यापारिक घरानों की शर्तों पर अपनी फसल बेचना मजबूरी होगी। समाजवादी पार्टी किसानों की आवाज दबने नहीं देगी।


राजेंद्र चौधरी ने बताया कि संसद से पारित श्रमिक कानून से श्रमिकों के हित बुरी तरह प्रभावित होंगे। अभी तक 100 कर्मचारियों वाले उद्योगों को बिना सरकारी अनुमति के छंटनी का अधिकार नहीं था, लेकिन नया कानून 300 कर्मचारियों वाले उद्योगों को भी जब चाहे छंटनी करने का अधिकार दे रहा है। इससे श्रमिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी और वे अपनी जायज मांग भी नहीं उठा सकेंगे। ऐसे में मजदूर उद्योगपति के बंधुआ बनकर रह जाएंगे।


सपा प्रवक्ता ने बताया कि इन जनविरोधी कानूनों का लेकर भाजपा सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा सरकार श्रमिकों को रोजगार तो दे नहीं पा रही है, उलटे उनको पूंजीपति घरानों की दया पर आश्रित बनाने की साजिश कर रही है। समाजवादी पार्टी इन साजिशों का पुरजोर विरोध करेगी।


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