आठ माह में मौत की भेंट चढ़ गए 71 बाघ, टाइगर रिजर्व में हुई 49 की मृत्यु 

71 में 60 की मौत का कारण अभी साफ नहीं


समाजसेवी रंजन तोमर की आरटीआई से हुए कई बड़े खुलासे 


नोएडा। समाजसेवी रंजन तोमर की आरटीआई के जवाब में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से मिली जानकारी से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। प्राधिकरण के मुताबिक एक जनवरी-2020 से अगस्त तक 71 बाघ कम हो चुके हैं। 


आरटीआई रंजन तोमर ने एनटीसीए से जानकारी मांगी थी कि मौजूदा वर्ष यानि जनवरी से अगस्त 2020 तक कितने बाघों की मृत्यु हुई है। कहां और किस प्रकार हुई। इसके जवाब में प्राधिकरण ने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक 71 बाघों की संख्या कम हुई है। इनमें जनवरी में 11, फरवरी में 4, मार्च में 4, अप्रैल में 15, मई में 12, जून में 10, जुलाई में 7 और अगस्त में 6 बाघों की मौत हुई है। यह जानकारी देने तक सितम्बर में भी एक बाघ की मौत हुई है। ज्यादातर बाघों की मृत्यु के कारणों का अभी पता नहीं चला है। उसकी जांच अभी जारी है। 


रंजन तोमर ने बताया कि प्राधिकरण की खुद की घोषणा के अनुसार 71 में से तकरीबन 60 बाघों की मृत्यु का कारण अभी साफ नहीं हुआ है। उसकी जांच जारी है। जबकि 8 बाघों की मौत प्राकृतिक तौर पर बताई गई है। इस दौरान तीन बाघों का शिकार किया गया है। 


रंजन तोमर के मुताबिक पर्यावरणविद कहते हैं कि एजेंसियां अपनी नाकामी छुपाने और सरकार एवं मंत्रियों के सामने अच्छे आंकड़े रखने की इच्छा के कारण शिकार के आंकड़ों को कमतर दिखाते हैं। जबकि जांच के दायरे में आने वाले बहुत से मामलों में शिकार ही मृत्यु का कारण होता है। इस बाबत यह जानकारी बेहद चौंकाने वाली है और मंत्रालय को इस पर सख्त निर्णय लेने होंगे। 


टाइगर रिजर्व में ज़्यादा मरे बाघ :


 जानकारी के अनुसार टाइगर रिजर्व में 49 बाघों की मृत्यु हुई है। जबकि बाहर 22 बाघों की मौत की जानकारी साझा की गई है। ऐसे में सवाल यह भी है कि हमारे टाइगर रिजर्व में भी यदि बाघ सुरक्षित नहीं हैं तो फिर उनकी रक्षा कैसे संभव होगी।


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