राम मंदिर और भविष्य का भारत : देश में अपने राष्ट्रपुरुषों का सम्मान
लखनऊ । विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने आज कहा कि 1989 में श्री रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के लिए शिलान्यास हुआ था, पर मंदिर का निर्माण शासकीय बाधाओं, राजनीतिक तिकडमों और न्यायालयों में देरी के मकड़ जाल में फंस गया। लगभग 31 वर्ष बाद, अब यह सुखद संयोग बना है कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में मंदिर का निर्माण शुरू होगा और यह आशा की जा सकती है कि लगभग 3 वर्षो के समय में, रामभक्त समाज मंदिर के गर्भगृह में विराजमान श्री रामलला का पूजन–अर्चन कर सकेगा। देश में अपने राष्ट्रपुरुषों का सम्मान होगा।