युवाओं में खासे लोकप्रिय थे कानपुर मुठभेड़ में शहीद औरैया के राहुल दिवाकर 

शनिवार को पैत्रिक गांव में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार


इटावा। उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना चौबेपुर क्षेत्र के गांव बिकरू में बीती रात्रि पुलिस एवं विकास दुबे गैंग के बीच हुए मुठभेड़ में शहीद पुलिस कांस्टेबल राहुल दिवाकर मूल रूप से औरैया जिले के थाना बिधूना क्षेत्र के गांव रूरूकलां निवासी थे। मुठभेड़ में शहीद हुए राहुल दिवाकर अपने गांव में युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय थे। जब कभी भी वह गांव में आते तो सबसे खुशी खुशी मिला करते थे। वह क्रिकेट खेलने के शौकीन थे। औरैया के अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित ने बताया कि राहुल दिवाकर का शव कानपुर से देर रात उनके पैतृक गांव पहुंच जाएगा। अंतिम संस्कार सुबह राजकीय सम्मान के साथ होगा। 


बताते चलें कि गुुरुवार की रात बिकरू गांव में विकास दुबे गैंग के साथ पुलिस की हुई मुठभेड़ में शहीद हुए आठ पुलिसकर्मियों में शामिल राहुल दिवाकर मूलरूप से औरैया जनपद के थाना बिधूना क्षेत्र के गांव रूरूकलां का निवासी थे। जिसका हाल निवास सी-205 देवेन्द्रपुरी मोदीनगर गाजियाबाद में है। शहीद सिपाही के पिता ओम कुमार पुलिस में उप-निरीक्षक के पद पर तैनात थे और दो वर्ष पूर्व 2018 में सेवानिवृत्त हुए थे। वह गाजियाबाद में आवास बनाकर अपने तीन पुत्रों रवि, राहुल व राकेश एवं एक पुत्री नंदनी के साथ रह रहे हैं। पुत्री की शादी हो गयी है। शहीद का बड़ा व छोटा भाई प्राइवेट कंपनी में काम करता है।


शहीद कांस्टेबल के चचेरे भाई विपिन ने बताया कि शहीद राहुल की पढ़ाई लिखाई सभी गाजियाबाद में ही हुई थी। उसका 2016 में कांस्टेबल के पद पर पुलिस में चयनित हुआ था, जिसकी वर्तमान में कानपुर शहर के बिठूर थाने में तैनाती थी। राहुल की सन् 2019 फरवरी में रोहिणी निवासी दिव्या के साथ शादी हुई थी, जिसकी करीब तीन माह की एक बेटी भी है। राहुल के शहीद होने पर उसके पैत्रिक गांव में शोक का माहौल है। उसने बताया कि उसके चाचा ओम कुमार का गांव में मकान के साथ उनके नाम तीन बीघा भूमि भी है। विपिन खुद पोस्ट आफिस में नौकरी करने के कारण कानपुर नहीं गया, जबकि शहीद के ताऊ गेंदा लाल, चाचा हरी दिवाकर सहित पूरा परिवार घटना की जानकारी होते ही रोते बिलखते सुबह सात बजे मृतक का शव लेने कानपुर के लिए रवाना हो गए। 


विपिन ने बताया कि राहुल गांव के युवाओं के साथ बेहद लगाव रखता था और गांव आने पर सभी साथियो के साथ क्रिकेट भी खेलता था। उन्होंने बताया राहुल कि अंतिम बार शहीद राहुल जनवरी 2020 में रूरूकलां आया था और कुछ दिन बाद छुट्टी मिलने पर फिर से गांव आने की बात कह रहा था। राहुल की तैनाती कुछ दिन पूर्व ही बिठूर थाने में हुई थी। विपिन के मुताबिक शहीद कांस्टेबल राहुल का अंतिम संस्कार शनिवार को पैत्रक गांव रूरूकलां में होगा।


 


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