सीएम योगी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, हर परिवार को एक करोड़ की मदद

अस्पताल जाकर घायल जवानों का भी पूछा हाल


बदमाशों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने तक कानपुर में ही रहेंगे आला अफसर : योगी


कानपुर देहात। दबिश के दौरान शहीद हुए पुलिस के जवानों को श्रद्धांजलि देने शाम को पुलिस लाइन पहुंचे। उन्होंने पुष्पचक्र अर्पित कर यूपी पुलिस के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए परमात्मा से प्रार्थना की। बाद में उन्होंने बदमाशों के हमले में घायल जवानों का अस्पताल जाकर हाल पूछा। बाद में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सभी आठ पुलिस जवान के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। प्रत्येक शहीद के परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा प्रदान की जाएगी और आश्रित को असाधारण पेंशन का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जवानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। इस घटना में दोषी किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। 


हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गांव दबिश देने के दौरान शहीद आठ पुलिसकर्मियों के पार्थिव शरीर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम करीब चार बजे पुलिस लाइन पहुंचकर पुष्पचक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिनभर की ड्यूटी के बाद पुलिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गांव दबिश देने गई थी। वहां पर बदमाशों ने घात लगाकर पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें आठ एक सीओ और एक इंस्पेक्टर समेत आठ जवान शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने घटना को अंजाम दिया है, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि घटना को अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए टीमें बनाई गईं हैं, जो छापेमारी कर रही हैं। पुलिस मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गए हैं। हमारे जवानों से छीने गए असहलों में कुछ बरामद हो गए हैं। 


इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के निजी हॉस्पिटल में इलाज करा रहे घायल पुलिसकर्मियों से भेंट की। उन्होंने पुलिसकर्मियों को उनकी बहादुरी की सराहना और हौसला बढ़ाया। उनके साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी थे। सीएम ने कानपुर में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ शीर्ष पुलिस अधिकारियों को तैनात कर दिया है।


सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब ये अधिकारी कानपुर से तब तक नहीं जाएंगे, जब तक पुलिस की टीम कुख्यात विकास दुबे को पकड़ नहीं लेती या फिर मुठभेड़ में धराशाई नहीं कर देती है। उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से कहा कि जब तक हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे खत्म न हो जाये तब तक घटनास्थल पर ही कैम्प करें। दरअसल इस घटना से अपराधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस नीति को खुली चुनौती दी है। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर अपनाते हुए बेहद गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुबह जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला, उन्होंने पुलिस के आलाधिकारियों को सख्त निर्देश देकर तुरन्त कार्रवाई करने को कहा, आनन-फानन में एडीजी ला एण्ड आर्डर प्रशांत कुमार को घटना स्थल रवाना किया गया।


कानपुर में डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी चौबेपुर के बिकरु गांव पहुंचे हैं। वहां पर पड़ताल के दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस टीम पर कायराना हमला हुआ है। अपराधियों को जल्द ही वहां पहुंच दिया जाएगा, जहां उन्हेंं होना चाहिए। उन्होंने जवानों की शहादत पर शोक जताया है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस की टीम इस कायराना हरकत का बदला लेने को तत्पर है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी यहां के ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। 


शातिर बदमाश विकास दुबे को गुरुवार रात गिरफ्तार करने गई पुलिस की दबिश के दौरान बदमाशों के पुलिस टीम पर हावी होने को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने पुलिस की चूक माना है। लखनऊ से कानपुर देहात पहुंचे प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले में पुलिस की तरफ से चूक हुई। प्रशांत कुमार सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट देंगे। 


प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी। अब एसटीएफ के साथ कई टीमें लगी हैं। हत्यारे विकास को खोजा जा रहा है। इसके लिए कानपुर शहर के साथ ही देहात तथा पास के जिलों में लगातार छापा मारा जा रहा है। विकास दुबे का एक साथी हिरासत में है। यहां पर तो सभी बॉर्डर सील करने के साथ हर वाहन की चेकिंग की जा रही है। घटनास्थल से चार किमी दूरी पर पुलिस ने दोबारा मुठभेड़ में दो बदमाशों को मार गिराया है और पुलिस से लूटी गई पिस्टल बरामद की है। वहीं काशीराम निवादा गांव के पास जंगल में तीन बदमाशों के छिपे होने पर मुठभेड़ जारी है।


चौबेपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को गुरुवार की आधी रात पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। घरों की छत से पुलिस पर गोलियां बरसाई गईं, जिसमें सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत तीन सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही शहीद हो गए। हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें कानपुर नगर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में एक पुलिस कर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है।


एडीजी जयनारायण सिंह, आईजी मोहित अग्रवाल, एसएसपी दिनेश कुमार पी. समेत पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं, वहीं अस्पताल में जाकर घायल पुलिस जवानों का हाल लिया है। पुलिस की जवाबी फायरिंग में कितने लोग मारे या घायल हुए हैं, इसकी सूचना नहीं है। बदमाशों ने पुलिस टीम से इंसास राइफल और दो पिस्टल भी लूट ली थी। गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है और हमलावरों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।


रीजेंसी अस्पताल में घायल पुलिस कर्मियों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस लाइन पहुंचकर शहीद पुलिस जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। वहीं पुलिस अफसरों ने भी पुष्पचक्र अर्पित करके भावभीनी श्रद्धांजलि अपिर्त की। सशस्त्र पुलिस बल ने शहीद जवानों को अंतिम सलामी दी। 


गौरतलब है कि वर्ष 2001 में शिवली थाने के बाहर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या में नामजद रह चुके हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू का रहने वाला है। उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वांछित अपराधी है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी।  हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों के बिकरु गांव में घर पर होने की सूचना मिली थी। इस पर गुरुवार की रात शिवराजपुर, चौबेपुर और बिठूर थाने की फोर्स लेकर सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा दबिश देने गए। पुलिस टीम के गांव में पहुंचते ही विकास दुबे और उसके साथियों ने घरों की छत से फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए हमले में पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। बदमाशों की फायरिंग में गोली लगने से सीओ देवेंद्र मिश्रा शहीद हो गए। 


आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि बदमाशों की गोली से तीन सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही भी शहीद हुए हैं। छह से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायल हुए बिठूर थानाध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह, कांस्टेबल अजय सिंह सेंगर, सिपाही अजय कश्यप, शिव मूरत निषाद थाना चौबेपुर, होमगार्ड जयराम पटेल, एसआई सुधाकर पांडे, एसआई विकास बाबू को रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विकास दुबे पर वर्ष 2001 में श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था, जिसमें वह अदालत से बरी हो गया था।


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