समस्याओं के समाधान को भाकियू संगठनों का सामूहिक संघर्ष का फैसला

 बड़े आंदोलन की रणनीति बनाने पर भी सहमति ग्रेटर नोएडा। किसानों की आबादी के निस्तारण और 64 फीसदी अतिरिक्त मुआवजे की मांग को पूरा कराने के लिए भारतीय किसान यूनियन के सभी संगठनों ने एकजुट संघर्ष का फैसला किया है। दनकौर स्थित फुदन फार्म हाउस में मंगलवार को हुई पंचायत में भाकियू के सभी संगठनों ने बड़े आंदोलन की रणनीति बनाने का ऐलान किया। पंचायत में वक्ताओं ने कहा कि हर दल की सरकार और प्रशासन ने किसानों की अनदेखी की है। सभी के कथनी और करनी में भारी अंतर रहा है। इसलिए किसानों की समस्याओं का अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। किसान हर दिन अपनी समस्याओं को लेकर संघर्ष करते रहते हैं। लेकिन, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। किसान 64.7 फीसदी अतिरिक्त प्रतिकर और आबादी निस्तारण न होने की सस्याओं से जूझ रहा है। इन समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सभी किसान संगठनों को एक मंच पर आकर बड़े आंदोलन की रणनीति पर काम करना होगा। पंचायत में मौजूद सभी किसान संगठनों ने इस बात पर सहमति जताई और समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए एकजुट संघर्ष का फैसला किया। पंचायत की अध्यक्षता लज्जा प्रधान ने की। संचालन राजीव मालिक ने किया। इसमें भारतीय किसान यूनियन राजनैतिक (टिकैत) के जिलाध्यक्ष अनित कसाना, भारतीय किसान यूनियन भानु के जिलाध्यक्ष राजीव नागर, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के जिलाध्यक्ष उधम सिंह नागर और भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष राजमल सिंह के अलावा अजय पाल शर्मा, अजब सिंह कसाना, पवन खटाना, स्योराज मास्टर जी, राजकुमार नागर, अशोक नागर, जग्गी पहलवान, गिर्राज सूबेदार, राजे प्रधान, मास्टर महकार नागर, ओमप्रकाश मास्टर, नेपी मास्टर, कृष्ण भाटी, सूबे मास्टर, धनीराम मास्टर संदीप जैन, रजनीकांत आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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