फ्रीज बैंक अकाउन्ट पर दावा करने वाले 4 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में

 आईसीआईसीआई बैंक के खाताधारक की वर्ष-2003 में हो चुकी है मौत


नोएडा। थाना सेक्टर-20 की पुलिस ने फ्रीज बैंक अकाउन्ट पर अपना दावा करते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रुपये निकालने की कोशिश में लगे चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह पर बैंक के मैनेजर को इसलिए शक हो गया, क्योंकि उस बैंक खाताधारक की मौत वर्ष-2003 में ही हो गई थी। बताया जाता है कि उस एकाउन्ट में लगभग 1.40 करोड़ रुपये जमा हैं।


एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि 11 जुलाई को थाना सेक्टर-20 की पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर-18 स्थित आईसीआईसीआई बैंक मेें एक व्यक्ति खुद को एक ऐसे बैंक अकाउन्ट का स्वामी बता रहा है, जो बैंक एकाउन्ट पहले से फ्रीज है और उस खाताधारक की मृत्यु वर्ष-2003 में हो चुकी है। बैंक के मैनेजर ने यह भी जानकारी दी कि वह व्यक्ति फर्जी पैन कार्ड, वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर उस बैंक अकाउन्ट से सम्बन्धित मोबाइल नम्बर बदलवाने का प्रयास कर रहा है। 


पुलिस अफसर ने बताया कि इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 11 जुलाई को ही दिल्ली के पांडव नगर निवासी बबलू विश्वास पुत्र शान्ति रंजन विश्वास को सेक्टर-18 स्थित आईसीआईसीआई बैंक से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से फर्जी पैन कार्ड, वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि इस काम में उसके साथी विजय गोयल, समीर खान, मोन्टी, शेरपाल, विरेन्द्र और 2 अन्य लोग भी शामिल हैं। 


रणविजय सिंह ने बताया कि सोमवार को पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के अस्तौली निवासी विरेन्द्र पुत्र प्रेमचन्द, गाजियाबाद के प्रताप विहार सेक्टर-11 निवासी गोपाल पुत्र फूल सिंह, गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक निवासी राहुल गुप्ता पुत्र हरी शंकर गुप्ता और मानिक पुत्र अजयनाथ भार्गव को गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित नमामि कैफे से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त 01 सीपीयू, 02 हार्ड डिस्क, 01 मॉनिटर, 01 की-बोर्ड, 01 माउस, 01 प्रिंटर, 03 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, 01 फर्जी पैन कार्ड, 01 फर्जी आधार कार्ड, 02 चिप लगे प्लेन प्लास्टिक कार्ड, 180 बिना चिप लगे सफेद प्लेट प्लास्टिक कार्ड, 03 फर्जी मार्कशीट, फर्जी मार्कशीट बनाने में इस्तेमाल करने वाला 24 रंगीन कागज बरामद किया गया। पुलिस अभियुक्त समीर खान और दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। 


एडिशनल डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि उनका गैंग ऐसे व्यक्तियों की तलाश करता है, जिन्हें अपनी आवश्यकताओं के लिए डीएल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, मार्कशीट या अन्य प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं। उनके नाम पता एवं अन्य जानकारी प्राप्त कर उनकी इच्छानुसार फर्जी प्रमाण पत्र बना दिए जाते हैं। उन प्रमाण पत्रों के आधार पर स्कूल में एडमिशन, बैक में फर्जी आईडी लगाकर लोन लेने आदि के काम किए जाते थे। उन्होंने बताया कि ये गिरोह गाजियाबद के प्रताप विहार सेक्टर-11 स्थित नमामि कैफे से संचालित किया जा रहा था।


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