कस्तूरी हिरन बचाने को आगे आया केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण

समाजसेवी रंजन तोमर की गुहार के बाद कस्तूरी हिरन की कराई जाएगी कैप्टिव ब्रीडिंग


नोएडा। लुप्त हो रहे कस्तूरी हिरन की प्रजाति को बचाने के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण आगे आया है। समाजसेवी रंजन तोमर के भागीरथी प्रयास के बाद इस प्रजाति को बचाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। अब कस्तूरी हिरन की कैप्टिव ब्रीडिंग कराने का फैसला किया गया है। समाजसेवी रंजन तोमर ने बताया कि पिछले वर्ष मार्च में लगाई गई एक आरटीआई से खुलासा हुआ था कि देश में हिमाचल प्रदेश के कुफरी स्थित चिड़ियाघर में सिर्फ एक नर कस्तूरी हिरन जीवित बचा है। यह भी जानकारी मिली कि यह प्रजाति लुप्तप्राय है। उस हिरन को दुनिया का अकेला कस्तूरी हिरन भी घोषित किया गया था।


उन्होंने बताया कि इस जानकारी के बाद इस प्रजाति को बचाने के प्रयास तेज किए गए। इसके अलए उन्होंने देश के नामी जीव विज्ञानियों से चर्चा की, जिसमें यह जानकारी सामने आई कि देश में अल्मोड़ा जैसी जगह पर मादा कस्तूरी हिरन जीवित अवस्था में मौजूद हैं। इस जानकारी के बाद रंजन तोमर ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को पत्र भेजकर इस प्रजाति को बचाने की मांग उठाई। लेकिन, कानूनी अड़चनें सामने आई गईं। नियमानुसार एक चिड़ियाघर दूसरे चिड़ियाघर की मदद से ही कैप्टिव ब्रीडिंग विशेष प्रजनन कार्यक्रम चला सकता है। इसलिए प्राधिकरण ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद भी रंजन तोमर ने हार नहीं मानी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखकर इस प्रजाति को बचाने की मांग रखी। आखिर, कोशिश रंग लाई और अब केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इस प्रजाति को बचाने का कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। इसमें पंडित गोविन्द वल्लभ पंत हाई अल्टीट्यूड जू, हिमालय प्राणी उद्यान, सिक्किम एवं हिमाचल प्रदेश का हिमालय प्रकृति पार्क कुफरी भाग लेने वाले चिड़ियाघर हैं। रंजन तोमर ने इसे देश ही नहीं, दुनिया के लिए बड़ी कामयाबी बताया। कस्तूरी हिरन जैसी प्रजाति को बचाना इंसानियत की जीत है।


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