देश में नैनो आधारित कृषि इनपुट व खाद्य उत्पादों के मूल्यांकन के लिए गाइडलाइंस

प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश ने कृषि और विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से की तरक्की


केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन व श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से जारी की गाइडलाइंस


प्रमुख प्रौद्योगिकी के मामले में दुनिया में पहले 10 नं. में भारत का नाम- डॉ. हर्षवर्धन


कृषि के क्षेत्र में नैनो प्रौद्योगिकी का उपयोग समयानुकूल, उत्पादकता बढ़ेगी- श्री तोमर


नई दिल्ली । देश में नैनो आधारित कृषि इनपुट एवं खाद्य उत्पादों के मूल्यांकन के लिए गाइडलाइंस को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से जारी किया। गाइडलाइंस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बायोटेक्नालाजी विभाग, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने मिलकर बनाई है।


डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बहुत आगे बढ़ा है। नैनो प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है, वेदर फोरकास्टिंग में चौथे क्रम पर है। इस तरह प्रमुख प्रौद्योगिकी पैरामीटर्स में, दुनिया में पहले दस नंबर के अंदर भारत आता है। मोदी जी का गरीबों, किसानों एवं वैज्ञानिकों के लिए समर्पित भाव है। 135 करोड़ से ज्यादा लोगों की अपेक्षाओं-आकाक्षांओं को प्रधानमंत्री जी बखूबी समझते हैं।


पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बायोटेक्नालाजी के विकास में अटलजी के नेतृत्व में उच्च योगदान दिया गया था, इसी तरह वर्तमान में मोदीजी के नेतृत्व में बेहतरीन काम हो रहा है। नैनो प्रौद्योगिकी का लाभ किसानों को व्यापक रूप से मिल सकेगा, ये गाइडलाइंस उसमें विशेष सहायक होगी। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वैज्ञानिकों को सुनिश्चित करना होगा कि किस तरह छोटे से छोटे किसानों तक भी इस प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंचे। उत्पादकों को भी इसका फायदा मिलेगा, साथ ही उपभोक्ताओं को सही चीज-सही मात्रा में मिल सकेगी। आने वाले समय में इस गाइडलाइंस की एक बहुत बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी और प्रधानमंत्रीजी का सपना साकार करने में मदद मिलेगी।


केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि नैनो प्रौद्योगिकी का महत्व हम सभी जानते है, विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाना समयानुकूल है। इफ्को ने नैनो फर्टिलाइजर बनाया है, जिसका ट्रायल होने पर अच्छे नतीजे आए हैं। इस तरह की प्रौद्योगिकी से खेती में उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।


श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य दिया है और इस दिशा में सभी प्रयत्न कर रहे हैं। जब हम किसानों की आय दोगुनी करने की बात करते हैं तो इसका मतलब है उत्पादकता बढ़े, बाजार व्यवस्था सुचारू हो, लागत में कमी आएं, फसल का उचित मूल्य मिलें, कम दरों पर अच्छी क्वालिटी के बीज, उवर्रक व सिंचाई सुविधाएं मिलें। इन सभी के लिए केंद्र सरकार मोदी जी के नेतृत्व में काम कर रही है, जिसका फायदा किसानों को मिलेगा। प्रधानमंत्री जी ने कृषि संबंधी गतिविधियों के संबंध में दो अध्यादेश जारी किए हैं, जिनसे किसानों को समग्र रूप से काफी प्रत्यक्ष लाभ होगा। उन्होंने कृषि संबंधी विषयों का समाधान करने पर मंत्री डा. हर्षवर्धन का आभार जताया।


कृषि सचिव श्री अग्रवाल ने बताया कि नैनो प्रौद्योगिकी अपनाने से 15 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा की बचत होगी। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला, बायोटेक्‍नोलॉजी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्‍वरूप, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्‍याण विभाग के सचिव श्री संजय अग्रवाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक व सलाहकार डॉ. सुचिता निनावे और सरकारी अनुसंधान संस्‍थान और विश्‍वविद्यालय के वरिष्‍ठ अधिकारी एवं विशेषज्ञ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मौजूद थे।


नैनो प्रौद्योगिकी व गाइडलाइंस के बारे में संक्षिप्त जानकारी- बढ़ती जनसंख्‍या को भोजन प्रदान करने की बदलती जरूरतों के क्षेत्रों को पूरा करने के लिए नैनो जैवप्रौद्योगिकी में, पादप उत्‍पादकता और बेहतर फसल संरक्षण में वृद्धि के माध्‍यम से कृषि प्रणाली में बेहतर सुधार करने की संभावना है। फसलों में रासायनिक इनपुट का अधिक उपयोग करने की तुलना में नैनो पोषक तत्‍वों का प्रयोग जमीन की पोषकता में कमी और सतही पानी की आवश्‍यकता को कम करता है और इस प्रकार पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है।


गाइडलाइंस का उद्देश्‍य कृषि और खाद्य में नैनो आधारित उत्‍पादों के लिए वर्तमान नियमावली के संबंध में सूचना प्रदान करके नीति निर्णय लेने में सहायता के लिए विज्ञान आधारित सूचना प्रदान करना और लक्षित उत्‍पादों की गुणवत्‍ता, सुरक्षा और क्षमता सुनिश्चित करना है। दिशा-निर्देश नैनो कृषि इनपुट उत्‍पाद (एनएआईपीएस) और नैनो-कृषि उत्‍पाद  (एनएपीएस) पर लागू होते हैं। ये नैनो सम्मिश्र और एनएम से बने सेंसर और जिन्‍हें डाटा संकलन के लिए फसल, खाद्य और भोजन के साथ सीधा संपर्क अपेक्षित है पर भी लागू होते हैं।  ये 'दिशा-निर्देश' नीति निर्माताओं और नियामकों को भारत के कृषि-इनपुट और खाद्य क्षेत्रों में भविष्य के नवीन नैनो-आधारित उत्पादों के लिए प्रभावी प्रावधानों को तैयार करने में मदद करेंगे एवं भारतीय नवप्रवर्तनकर्ताओं व उद्योगों को इन क्षेत्रों में नए नैनो-आधारित योगिकों, उत्पादों के विकास, व्यावसायीकरण के लिए प्रोत्साहित करेंगे।


 


 


 


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