बैंक कर्मचारी केंद्र सरकार के सौतेले बच्चे : अश्विनी राणा

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (COVID-19) की महामारी की स्थिति ने लोगों पर विनाशकारी प्रभाव डाला है और पूरी दुनिया COVID -19 से जूझ रही है, जो भारत सहित दुनिया भर में फैल गई है, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। देश COVID-19 की अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और पुलिस कर्मचारियों के साथ, बैंक कर्मचारी भी इन परिस्थितियों में आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए अपनी सेवाओं में योगदान दे रहे हैं और आवश्यक व्यक्तियों जैसे पीएमजेडीवाई महिलाओं के खाते, विभिन्न प्रकार के पेंशनभोगी, उधारकर्ताओं और एम.एस.एम.इ. को ऋण सुविधाओं की आवश्यकता को वित्तीय सहायता देने में सरकार की मदद कर रहे हैं। लेकिन बैंक कर्मचारी जो कि इस महामारी में भी सरकार की आर्थिक योजनाओं को जन जन तक पहुंचा रहे हैं, को कोरोना वारियर्स का दर्जा नहीं दिया गया।


बैंक यूनियन के महासचिव अश्विनी राणा ने बताया कि सरकार ने डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और पुलिस कर्मचारियों को कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया है लेकिन बैंक कर्मचारियों के साथ सरकार सौतेले बच्चों की तरह व्यवहार कर रही है। कोरोना वारियर्स को COVID-19 के कारण दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए 50 लाख का बीमा कवर और पूर्ण स्वास्थ्य उपचार खर्च सहित प्रोत्साहन और मुआवजा प्रदान करा हरी है। नोट बंदी के दोरान भी दिन रात काम करने के बाद भी किसी प्रकार का प्रोत्साहन बैंक कर्मचारियों को नहीं दिया गया था । और तो और बैंक कर्मचारियों का वेतन समझोता जो कि 1 नवम्बर 2017 से लंबित है, नहीं मिल पा रहा है।


अश्विनी राणा ने बताया कि आये दिन ब्रांचों में बैंक कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। अभी तक 1500 से अधिक बैंक कर्मचारी इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं और लगभग 50 बैंक कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार के दिशा निर्देशों के बाद भी बैंकों में न तो अच्छी तरह से सेनिटाईजेशन होता है न ही दिव्यांग कर्मचारियों, गर्भवती महिलाओं को बैंक आने की पूरी छूट दी गई है और न ही कम स्टाफ से काम करने के निर्देशों का पालन हो रहा है। बैंकों में ग्राहकों की भीड़ भी कम नहीं होती। यदि कोई बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा सरकार के निर्देशों के पालन के लिय परिपत्र जारी किया जाता है तो भी निचले स्तर पर वह अक्षरश पालन नहीं होता। सरकार के निर्देशों के अनुसार बैंकों को अपने खर्चे कम करने के लिए कहा गया और कहा गया कि इस संक्रमण काल में ट्रांसफ़र्स को न किया जाए उसके बाद भी बैंकों में बड़े स्केल पर अंतरराजिय ट्रान्सफर किये गये।


नेशनल ऑर्गनाईजेशन ऑफ़ बैंक वर्कर्स की मांग है कि :



  1. बैंक कर्मचारियों को भी कोरोना वारियर्स घोषित किया जाये और उनका 50 लाख का बीमा करवाया जाये।

  2. संक्रमित होने पर कर्मचारियों के हॉस्पिटल का पूरा खर्चा बैंक द्वारा दिया जाये।

  3. बैंकों में रोजाना सेनिटाईजेशन किया जाये और संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपकरण उपलब्ध कराए जाएँ।

  4. दिव्यांग कर्मचारियों, गर्भवती महिलाओं, बीमार और बड़ी उम्र के बैंक कर्मचारियों को बैंक आने की पूरी छूट दी जाये।

  5. बैंकों में सिर्फ अति अनिवार्य काम के लिए सरकार एस.एल.बी.सी.(SLBC) द्वारा नोटिस निकाले ताकि बैंकों में भीड़ कम हो सके।

  6. सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का बैंक सख्ती से पालन करें।

  7. बैंक कर्मचारियों का वेतन समझोता तुरंत लागू किया जाये।


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