करोड़ों किसानों के हित में मोदी सरकार ने लिए महत्वपूर्ण फैसले: श्री तोमर , खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 से 83 प्रतिशत की वृद्धि

31 अगस्त तक बढ़ाई गई अल्पाद्धवधि कृषि ऋण अदायगी की अवधि


 


नई दिल्‍ली देश के करोड़ों किसानों को सीधा फायदा पहुंचाने वाले दो महत्वपूर्ण फैसले सोमवार को मोदी सरकार ने लिए। इसके तहत अल्‍पावधि कृषि ऋण अदायगी की अवधि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दी गई है, वहीं खरीफ फसलों की उत्पादन लागत पर न्यूनतम समर्थन मूल्य अब 50 से 83 प्रतिशत तक ज्यादा मिलेगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये अहम् निर्णय लिए गए।


कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री तोमर ने दो अन्य मंत्रियों नितिन गड़करी व प्रकाश जावडेकर के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। श्री तोमर ने बताया कि मोदी सरकार ब्‍याज छूट योजना के अन्‍तर्गत किसानों को बैंकों के माध्‍यम से 2 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्‍याज छूट के साथ रियायती स्‍टैडर्ड अल्‍पावधि कृषि ऋण दे रही है। समय पर अदायगी करने वाले किसानों को 3 प्रतिशत अतिरिक्‍त लाभ भी केंद्र सरकार दे रही है। इस ब्‍याज छूट योजना का लाभ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए भी 2 लाख रूपए ऋण हेतु विस्‍तारित किया गया है। इस प्रकार समय पर अदायगी करने पर 4 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज दर से 3 लाख रू. तक के ऋण सरकार प्रदान कर रही है।


कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर, किसानों की सहूलियत के वास्ते बकाया अल्‍पावधि फसल ऋण का भुगतान करने हेतु भारत सरकार ने 3 लाख रू. तक कृषि एवं पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए दिए स्‍टैंडर्ड अल्‍पावधि ऋण की अदायगी की तारीख को 31.08.2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब किसान अपना ऋण 31 अगस्त तक वापस कर सकते हैं और उनके लिए ब्‍याज की प्रभावी दर 4 प्रतिशत ही रहेगी।


वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 8,05,260 करोड़ रू. का अल्‍पावधि ऋण 9,64,74,960 किसानों के ऋण खातों में वितरित किया गया है। सरकार पर ब्‍याज छूट सहायता (सब्सिडी) के रूप में 28 हजार करोड़ रू का खर्चा आएगा, वहीं इतनी राशि का सीधा फायदा ऋण लेने वाले करोड़ों किसानों को मिलेगा। प्रधानमंत्री जी गांव-गरीब और किसानों के हित में लगातार फैसले लेते रहे हैं, ये निर्णय भी इसी तारतम्य में सोमवार को लिया गया है।


श्री तोमर ने दूसरे फैसले के बारे में बताया कि कैबिनेट ने वर्ष 2020-21 विपणन मौसम की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है। उत्पादन लागत का 50 प्रतिशत से लेकर 83 प्रतिशत तक मुनाफा जोड़कर एमएसपी निर्धारित की गई है। इसका सीधा लाभ देश के करोड़ों किसानों को मिलेगा। हम सभी जानते है कि अन्नदाता किसान कितनी कड़ी मेहनत से देश में अन्न का भंडार भर रहा है। देश में लॉकडाउन के बावजूद किसानों ने अपना हौंसला कायम रखा और खाद्यान्न का रेकार्ड उत्पादन हुआ है, वहीं ग्रीष्मकालीन फसलों की भी पिछली बार से लगभग 45 प्रतिशत से ज्यादा बुआई हुई है। मोदी सरकार का प्रारंभ से ही यह उद्देश्य रहा है कि किसानों को उनकी उपज की लागत का कम से कम डेढ़ गुना मूल्य अवश्य मिलें। इसी के मद्देनजर पिछली बार भी एमएसपी तय की गई थी।


उन्होंने बताया कि उत्पादन लागत पर एमएसपी सर्वाधिक रामतिल में 755 रू. प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है। तिल में 370 रू. प्रति क्विंटल, उड़द में 300 रू. एवं कपास (लंबा रेशा) में 275 रू. प्रति क्विंटल की भाव वृद्धि की गई है। इसी प्रकार बाजरा, तूर, मक्का आदि की लागत पर एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया गया।


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