कैट ने वाणिज्य मंत्री  से देश में बिकने वाली सभी वस्तुओं  के निर्माण के पूर्ण विवरण को अनिवार्य रूप से लिखे जाने की मांग की

 


देश में चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए अपने राष्ट्रीय अभियान में एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री  पीयूष गोयल को आज भेजे एक पत्र में मांग की है कि भारत में ई कॉमर्स अथवा बाज़ारों या अन्य किसी भी जरिये से  बेचे जाने वाली प्रत्येक वस्तुओं पर किस देश में वो सामान निर्मित है तथा उक्त वस्तु में मूल्यवर्धन की सामग्री का उल्लेख अनिवार्य होना चाहिए


उल्लेखनीय है की कैट द्वारा पूर्व में की गई एक मांग को स्वीकार करते हुए  केंद्र सरकार ने सरकारी ई पोर्टल जैम पर बेचे जाने वाले सभी उत्पादों पर उपरोक्त दोनों विवरणों का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है  


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि चीन और अन्य देशों से आयात किये गए विभिन्न उत्पादों पर किन्ही तत्वों द्वारा " मेड इन इंडिया" का लेबल चिपकाकर भारत में बेचे जाने की सूचनाएं कैट को प्राप्त हुई हैं और इसी के मद्देनजर कैट ने वाणिज्य मंत्री श्री गोयल से यह मांग की है की भारत में ई-कॉमर्स, ऑफलाइन बाज़ार , बड़े कॉर्पोरेट शोरूम, डायरेक्ट सेलिंग या किसी भी अन्य तरीके से कोई भी सामान बेचे जाने पर उस सामान के निर्मित देश और उस सामान को बनाने में लगे एक अथवा एक से अन्य देशों के सामान का पूर्व विवरण लिखा जाना अनिवार्य करना बेहद जरूरी है !कैट ने यह भी मांग की है कि उपरोक्त विवरण न देने वाले उत्पादों को देश में नहीं बेचा जाना चाहिए और इस प्रावधान के उल्लंघन की स्थिति में निर्माता,  आयातक या मार्केटिंग एजेंसी जिसका नाम उक्त उत्पाद पर लिख हो को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए  


श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि सामानों के निर्माण में उत्पादों की संरचना के बारे में विवरण होगा कि क्या उत्पाद 100% मेड इन इंडिया है या आयातित या भारतीय सामग्री के उपयोग से बना है अथवा क्या पूरम रूप से आयातित उत्पाद है की सही जानकारी उपभोक्ताओं को देगा जिससे सामान खरीदते समय उपभोक्ता पूर्ण रूप से निश्चिन्त होंगे की वो कौन से देश का बना सामान खरीद रहे हैं ।


 सुशील कुमार जैन,संयोजक,कैट (दिल्ली एन सी आर) ने कहा की देश में बेचे जाने वाले प्रत्येक सामान पर कंट्री ऑफ़ ओरिजिन और वैल्यू एडिशन के उल्लेख का अनिवार्य प्रावधान ग्राहकों को यह समझने में मदद करेगा की वो जो सामान खरीद रहे हैं है वो भारत अथवा किस देश में बना है जिससे ग्राहक के सभी भ्रम दूर होंगे । इस तरह के प्रावधान से प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के " मेक इन इंडिया " कार्यक्रम की अवधारणा को भी बल देगा तथा कुछ निहित स्वार्थों वाले लोग जो चीन के बने सामानों को अनैतिक रूप से मेड इन इंडिया का बताकर बेच रहे हैं जैसी कोशिशों को ध्वस्त करेगा। 


  सुशील कुमार जैन  ने कहा कि जब से केंद्र सरकार ने अपनी घोषणा की तारीख से ही जैम पोर्टल पर बेचे जाने वाले उत्पादों पर उपरोक्त दोनों प्रावधानों का उल्लेख करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तब अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों को इस प्रावधान को तुरंत अमल में लाने में देरी का कोई कारण नहीं होना चाहिए और उन्हें होना तत्काल प्रभाव से अपने पोर्टल पर लागू करना चाहिए । कैट ने कहा है की इस प्रावधान के बहाने ई-कॉमर्स कंपनियों को इस निर्णय को दरकिनार करने में देरी करने का कोई बहाना नहीं ढूंढ़ना चाहिए ।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*"आज़ादी के दीवानों के तराने* ’ समूह नृत्य प्रतियोगिता में थिरकन डांस अकादमी ने जीता सर्वोत्तम पुरस्कार

ईश्वर के अनंत आनंद को तलाश रही है हमारी आत्मा

सेक्टर 122 हुआ राममय. दो दिनों से उत्सव का माहौल