मनरेगा में रोजगार बढ़ाने के लिए 40 हजार करोड़ अतिरिक्त देने का ऐलान
वर्तमान में 61,000 करोड़ रू. से ज्यादा था मनरेगा का वार्षिक बजट
अनुमान
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजट बढ़कर लगभग 1,95,000 करोड़ रू. हुआ
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वित्त मंत्री की प्रेस वार्ता
मंत्री श्री तोमर ने कहाः गांव-गरीब-किसानों का पूरा ध्यान रख रही है मोदी
सरकार मनरेगा का बजट 66 प्र.श. से ज्यादा बढ़ाने पर प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री का
माना आभार
20,97,053 करोड़ रू. के कुल पैकेज का किया गया ऐलान, देश के विकास का हैं
ध्येय
नई दिल्ली। मनरेगा में रोजगार बढ़ाने के लिए 40 हजार करोड़ रूपए
अतिरिक्त देने का ऐलान केंद्र सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित
आत्मनिर्भर भारत अभियान में पैकेज दिए जाने के लिए वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण
ने रविवार को प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की। मनरेगा का वार्षिक बजट अनुमान 61,000
करोड़ रू. से ज्यादा था। कुल मिलाकर, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजट बढ़कर अब
लगभग 1,95,000 करोड़ रू. हो गया है। मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि मोदी सरकार
गांव-गरीब-किसानों का पूरा ध्यान रख रही है। उन्होंने मजदूरों की भलाई के लिए मनरेगा का
बजट 66 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाए जाने पर प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री का आभार माना है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़
रूपए का पैकेज देने की बात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कही थी। वित्त मंत्री ने पांच
दिनों में इस संबंध में ऐलान किया और वास्तव में कुल पैकेज 20,97,053 करोड़ रू. का हो
गया है। इसके पीछे देश के चहुंमुखी विकास व जनता के हितों का ध्येय है। वित्त मंत्री द्वारा
मनरेगा के संबंध में कही गई बातों का प्रमुख सार इस प्रकार है-
MGNREGS के लिए आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि
● इस कदम से उन प्रवासी श्रमिकों समेत जो वर्तमान में घर लौट रहे हैं, ग्रामीण क्षेत्रों
में लाखों लोगों के रोजगार और मजदूरी में वृद्धि होगी और, सरकार अब
MGNREGS के तहत अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन करेगी।
● यह पिछली घोषणाओं के अतिरिक्त है जिसने योजना के तहत दैनिक वेतन में वृद्धि
की।
● यह नया आवंटन कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ व्यक्ति कार्य दिवस उत्पन्न करने
में सहायता करेगा और मानसून के मौसम में भी लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को
सहायता सहित अधिक काम मिल सकेगा।
● इससे जल संरक्षण-संपत्तियों सहित बड़ी संख्या में टिकाऊ और आजीविका
परिसंपत्तियों का निर्माण भी होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मांग निर्माण के
लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा।
प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य सुधार और पहल, प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षण और अन्य
शैक्षणिक सुधार, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के लिए आईबीसी से संबंधित उपाय, कंपनी
अधिनियम की डिफ़ाल्ट्स का डिक्रिमिनलाईजेशन, कॉर्पोरेट्स के लिए ईज़ ऑफ डूइंग
बिजनेस, नई सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यम नीति, राज्य सरकारों को सहायता आदि की
जानकारी भी दी गई। वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा- जैसा कि प्रधानमंत्री श्री
नरेंद्र मोदी ने 12 मई को अपने भाषण के दौरान कहा था कि भारत सरकार लोगों की मदद
करने, आजीविका प्रदान करने, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत
करने के लिए जो करने की जरूरत है, वह करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा था
कि सरकार लगभग 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करेगी। यह राशि वास्तव में
अधिक हो गई है, अगर हाल की कुल घोषणाओं और वित्त मंत्री द्वारा घोषित पांच-दिवसीय
आर्थिक पैकेज को एक साथ लिया जाए। पहले के उपायों जैसे कि पीएमजीकेवाई, कर
रियायतें, और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन की पीएम की घोषणा 1,92,800 करोड़ रु। 13
मई को पहले किश्त में निर्णय 5,94,550 करोड़ रु। दूसरी और तीसरी किश्त की राशि
3,10,000 करोड़ रुपये और 1,50,000 करोड़ रुपये है। चौथे और पांचवें ट्रान्च के हिसाब
से कुल 48,100 करोड़ रु। इसलिए, कुल मिलाकर, आत्मनिर्भर भारत पैकेज द्वारा प्रदान की
गई कुल प्रोत्साहन राशि रु 20,97,053 करोड़ है!