लॉकडाउन के बावजूद रेलटेल ने भारतीय रेलों के लिए एनआईसी ई-ऑफिस के क्रियान्वयन के कार्य पूरा कर लिया

लॉकडाउन अवधि के दौरान 25 मंडल कार्यालयों के कुल 17981 उपयोगकर्ता ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म द्वारा कार्य करने में सक्षम हो चुके है


लॉकडाउन के चरण 2 पूरा होने के बाद भारतीय रेल के 87629 उपयोगकर्ताओं घर से कार्य करने में सक्षम हो चुके हैं


New Delhi


कोविड 19 के प्रकोप के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद, रेलटेल ने एनआईसी ई-ऑफिस के क्रियान्वयन के चरण 2 को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। रेलटेल ने 30 जून, 2020 तक पूरा करने के लक्ष्य के साथ फरवरी 2020 के महीने में चरण 2 (31637 उपयोगकर्ताओं वाले 46 मंडलों के) का कार्य शुरू किया। लेकिन लॉकडाउन प्रतिबंध के बावजूद, रेलटेल ने क्रियान्वयन की गति जारी रखी और समय सीमा से 55 दिन पूर्व ही कार्य पूरा कर लिया।


लॉकडाउनअवधि के दौरान वीडियो कांफ्रेंस पर उपयोगकर्ता को प्रशिक्षण देकर, 25 मंडल कार्यालयों के कुल 17981 उपयोगकर्ताओं को ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर कार्य करने में सक्षम किया गया था। दो चरणों में, रेलटेल ने भारतीय रेल (क्षेत्रीय   मुख्यालयों, मंडलों, केंद्रीय प्रशिक्षण केंद्रों, उत्पादन कारखानों, वर्कशॉपों आदि) के 105 संस्थापनाओंमें 87629 उपयोगकर्ताओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दूरस्थ रूप से अपने सभी मैनुअल फाइल कार्य को संभालने में सक्षम किया है। अब तक रेलवे अधिकारियों द्वारा मैनुअल वर्क मोड के स्थान पर 163658 ई-फाइलें और 504777 ई-प्राप्तियां बनाई गई हैं। रेलटेल ने रेलवे के अधिकारियों को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क कनेक्शन भी उपलब्ध कराए हैं, ताकि वे फ़ाइल कार्यों को दूरस्थ रूप से डील  करने में सक्षम हो सकें। ई-ऑफिस की उपलब्धता होने से, रेलवे में अधिकांश फाइल कार्य कार्यालयों में भौतिक उपस्थिति के बिना आसानी से जारी रह सकते हैं जो इस संकट के समय में एक वरदान है।


एनआईसी ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित एक क्लाउड सक्षम सॉफ्टवेयर है जिसे सिकंदराबाद और गुड़गांव में रेलटेल के एक टियर III अपटाइम यूएसए प्रमाणित डेटा केंद्रों में स्थापित / होस्ट किया गया है। ई-ऑफिस क्रियान्वयन का उद्देश्य कार्यालय की फ़ाइलों और दस्तावेजों को संभालने के लिए विश्वसनीय, कुशल और


प्रभावी तरीका उपलब्ध कराना है।  इसमें पूर्ण पारदर्शिता है क्योंकि फ़ाइल पर लिखी गई किसी भी चीज़ को बदला या पूर्ववत नहीं किया जा सकता है। फ़ाइल कहां रुकी हुई है इसकी जाँच करने के लिए एक निगरानी तंत्र भी है।


लॉकडाउन के दौरान कार्य पूरा करने का उल्लेख करते हुए, श्री पुनीत चावला, सीएमडी / रेलटेल, ने कहा, “रेलटेलटीमकेलिएलॉकडाउनचरणकेदौरानकामपूराकरनाबड़ीचुनौतीथीक्योंकिआवाजाहीकेसंसाधनोंपरप्रतिबंधथा।रेलटेल की टीम लॉकडाउन के कारण मंडलकार्यालयों का दौरा नहीं कर सकती थी और कार्यान्वयन कार्य दूरस्थ रूप से किए जाने की आवश्यकता थी और इसके लिए बहुत समय लगता था। रेलटेल की टीम ने फोन और ईमेल पर रेलवे के अधिकारियों के साथ समन्वय से अधिकांश काम को दूरस्थ रूप से पूरा किया। कार्यान्वयन का महत्वपूर्ण हिस्सा इस  प्लेटफॉर्म  पर काम करने के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षणदेनाहै। चूंकि रेलटेल के अधिकारियों और रेलवे उपयोगकर्ताओं की भौतिक उपस्थिति संभव नहीं थी, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और कॉल सपोर्ट का  उपयोग  करते  हुए  संपूर्ण  प्रशिक्षण भी दूरस्थ रूप से किया गया था। प्रशिक्षण वीडियो तैयार किए गए थे ताकि उपयोगकर्ता ई-ऑफिससे  व्यवहारिक  होने  के लिए उन्हें बार- बार देख सकें। "


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