नरेन्द्र सिंह तोमर ने की राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग
नई दिल्ली,
20 अप्रैल के बाद गैर-निषिद्ध क्षेत्रों में दी गई छूट और ऐसे क्षेत्रों में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और दीन दयाल अन्त्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यों की शुरूआत करने की दृष्टि से आज ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण तथा पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण विकास मंत्रियों तथा संबंधित अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से घंटे की बैठक की ।
केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के फैलने से उत्पन्न चुनौती बहुत गंभीर है, लेकिन इसे सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के बुनियादी ढाँचे को विकसित और मजबूत करने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने तथा ग्रामीण आजीविका को विविधता प्रदान करने के अवसर के रूप में माना जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्यों को 36000 करोड़ रूपये से ज्यादा की राशि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जारी कर दी है | मंत्रालय ने 33300 करोड़ रूपये की राशि मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत कर दी है जिसमें से 20225 करोड़ रूपये की राशि पूर्व वर्षों के मजदूरी तथा सामग्री के बकाया को समाप्त करने के लिए जारी की जा चुकी है | स्वीकृत धन राशि मनरेगा के अंतर्गत जून, 2020 तक के खर्च की पूर्ति के लिए प्रयाप्त है |
केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से ग्रामीण विकास मंत्रालय की रोजगार एवं अवसंरचना सृजन तथा ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने के लिए मंत्रालय की योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करने के लिए कोविड-19 सम्बंधित एहतिहातों का पालन करते हुए हर संभव प्रयास करने को कहा है | उन्होंने राज्यों को भरोसा दिलाया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्रयाप्त धन राशि उपलब्ध है |
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि मनरेगा के तहत जलशक्ति मंत्रालय और भू-संसाधन विभाग की योजनाओं के साथ अभिसरण के जरिए जल संरक्षण, जल पुनर्भरण और सिंचाई कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
उन्होंने इस बात की सराहना की कि एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य सुरक्षात्मक फेस कवर, सैनिटाइजर और साबुन बनाने के साथ सामुदायिक रसोई चला रही हैं।
प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत, उन 48 लाख आवास इकाइयों को पूरा करने को प्राथमिकता देनी होगी, जहां लाभार्थियों को तीसरी और चौथी किस्त दे दी गई है। पीएमजीएसवाई के तहत, स्वीकृत सड़क परियोजनाओं की निविदाएं तत्काल जारी करने के साथ लंबित सड़क परियोजनाओं को शुरू करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ।
सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री के सुझावों से पूरी तरह सहमति व्यक्त की। महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने विशेष रूप से, केंद्र सरकार को मनरेगा के तहत लंबित वेतन और सामग्री की बकाया सम्पूर्ण राशि जारी करने के लिए धन्यवाद दिया ।
सभी राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों ने आश्वासन दिया कि वे केंद सरकार के सहयोग से केंद्रीय गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं को प्रभावी और कुशलतापूर्ण तरीके से लागू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे |