*देश में जरूरी वस्तुओं की सप्लाई चेन को सुचारू रूप से चलाना बेहद जरूरी -कैट*

नोएडा
व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) संयोजक दिल्ली एन सी आर सुशील कुमार जैन ने आज कहा है की घातक कोरोना वायरस से लगातार बढ़ता खतरा और विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के संभावित विस्तार तथा अन्य संभावित आंशिक लॉक डाउन के कारण प्रतिबंधों को जारी रखने के परिदृश्य में  देश भर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रंखला को सुगमता से जारी रखना वर्तमान में एक बड़ी चुनौती है ! हालांकि कैट ने ऊआल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एटवा) की सक्रिय भागीदारी के साथ व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय के साथ अब तक आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कैट के प्रयासों के परिणामस्वरूप पूरे देश में अब तक आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता में कोई रूकावट नहीं आई है और पर्याप्त मात्रा में स्टॉक देश भर में उपलब्ध है ! 
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने अब इस प्रयास को व्यापक आधार देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि आगामी दिनों में इस आपूर्ति श्रंखला को मजबूत बनाये रखने की बेहद जरूरत है और इसके मद्देनजर आपूर्ति श्रंखला से जुड़े सभी वर्गों की आपसी भागीदारी बेहद आवश्यक है जब   तक कोरोना वायरस का खतरा पूरी तरह से ख़त्म नहीं हो जाता। उन्होंने थोक व्यापारियों / वितरकों, खुदरा विक्रेताओं, निर्माताओं या उत्पादकों, ट्रांसपोर्टरों, कूरियर सेवाओं, आवश्यक वस्तुओं के लिए जरूरी कच्चे माल निर्माताओं या उत्पादकणों सहित पैकेजिंग उत्पादों के उत्पादकों के बीच अधिक तालमेल की जरूरत  है। हर परिस्थिति में आपूर्ति श्रंखला का सुचारू रूप से जारी रहना ही केवल आवश्यक वस्तुओं के वितरण को  उपभोक्ताओं तक ले जा सकेगा !
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आपूर्ति श्रृंखला को पूरी तरह से चालू रखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री  पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि वे एक संयुक्त कार्य बल का गठन करें, जिसमें आपूर्ति श्रंखला से जुड़ा प्रत्येक भागीदार का एक प्रतिनिधि तथा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हों !संयुक्त  टास्क फोर्स को दैनिक आधार पर मिलना चाहिए जिससे आपूर्ति श्रृंखला में आये किसी भी व्यवधान से तुरंत निपटा जा सके ! 
महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में आपूर्ति श्रृंखला के सुचारू और निर्बाध संचालन को महत्वपूर्ण बताते हुए श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के लिए आवश्यक सामान और कच्चे माल के सुचारू संचालन और आवागमन के लिए मार्ग प्रशस्त करने का पूरा प्रयास किया है लेकिन विभिन्न राज्य सरकारें अलग-अलग तरह से आवश्यक वस्तुओं की व्याख्या कर रही हैं और इसलिए आवश्यक वस्तुओं का पूरे देश में एक समान विवरण एवं  किसी भी भ्रम की स्थिति से बचने के लिए पैकेजिंग सामग्री, कच्चे माल के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं की एक व्यापक सूची जारी होना आवश्यक है जिससे एक ही शहर में, एक ही राज्य के बीच विभिन्न शहरों में तथा विभिन्न राज्यों के बीच आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई श्रंखला सुविधापूर्वक जारी रह सके !
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने आपूर्ति श्रृंखला के संबंध में अन्य मुद्दों पर भी जोर देते हुए कहा की सबसे पहले थोक और खुदरा व्यापारियों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की आवश्यकता है, जो कि आम नागरिकों को उनके दैनिक आवश्यकताओं को जल्दी और सुरक्षित रूप से उनके घर तक वितरित कर सकें। दूसरे, उन्होंने व्यापारियों और अन्य लोगों द्वारा कर्मचारियों की अनुपलब्धता पर जोर देते हुए कहा की वर्तमान में व्यापार और उद्योग अपने कार्य बल के केवल 25% से 30% के  उपलब्ध कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं क्योंकि बड़ी संख्या में कर्मचारी अपने मूल शहरों और गांवों में चले गए हैं। मौजूदा कर्मचारियों को रोकना भी एक बड़ी चुनौती है क्योंकि यह आशंका है कि मौजूदा कर्मचारी अपने परिवार के दबाव के कारण और जब भी मौका मिलेगा अपने मूल स्थानों पर पलायन कर सकता है। तीसरा, उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला में शामिल सभी वर्गों के लिए सामाजिक सावधानी , सुरक्षा एहतियात के बुनियादी ढांचे को दुकानों तथा मार्केटों एवं आसपास के क्षेत्रों के नियमित रूप में  सफाई, परिवहन वाहनों, मास्क और दस्ताने पहनने आदि की आवश्यकता पर जोर दिया । उन्होंने  आवश्यक वस्तुओं में लगे व्यापारियों एवं कर्मचारियों के लिए बीमा सुरक्षा देने की भी जोरदार वकालत की । वहीँ कर्मचारियों को दी जाने वाली तनख्वाह में सरकार की सब्सिडी दिए जाने की भी मांग की !
  सुशील कुमार जैन ने  कहा कि केंद्र सरकार के सक्रिय समर्थन और अनुकूल पहल के साथ तथा राज्य सरकारों द्वारा सहयोग सडने के कारन आपूर्ति श्रृंखला बहुत प्रभावी साबित हुई है यहां तक कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में हमारे जैसे विशाल और विविध देश में यह बहुत ही कठिन कार्य था !लॉकडाउन की शुरुआती घोषणा के समय थोक विक्रेताओं / वितरकों के पास 20-25 दिनों के लिए स्टॉक था, जबकि खुदरा विक्रेताओं को लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगभग 15 दिनों के लिए स्टॉक था। अब, दोनों स्तरों पर आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं हो को  सुनिश्चित करने के लिए पुनःपूर्ति की आवश्यकता है और इस दृष्टि से माल की उत्पत्ति से लेकर अंतिम मील उपभोक्ताओं तक की संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला पर्याप्त स्टॉक से भरी होनी चाहिए।


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