*कैट ने वित्त मंत्री से कोरोना वायरस से प्रभावित व्यापारिक क्षेत्रों के लिए विशिष्ट बीमा पालिसी देने का आग्रह किया*  

नोएडा
 
सुशील कुमार जैन,संयोजक,
कैट दिल्ली एन सी आर ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण व्यापार में होने वाले नुकसान और रुकावटों की संभावनाओं को देखते हुए, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार से देश के गैर कॉर्पोरेट क्षेत्र को एक बीमा कवर प्रदान करने के लिए एक नीति की घोषणा करने का आग्रह किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन को भेजे एक पत्र में , कैट ने उनसे आग्रह किया है कि वे भारत में कार्यरत बीमा कंपनियों को कोरोनोवायरस के कारण व्यापार में होने वाले व्यवधान के लिए एक बीमा कवरेज शुरू करने के लिए निर्देशित करें। कैट ने कहा है की वर्तमान में आग और सामग्री से नुकसान पहुंचाने वाली बीमा योजनाओं में कोरोना वायरस से होने वाले नुक्सान को अतिरिक्त कवर के रूप में जोड़ा जा सकता है और इसके लिए वित्त मंत्री इन्शुरन्स रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी को कहें की वो देश की सभी बीमा कंपनियों को इस बीमा कवर को सभी वर्तमान एवं भविष्य के बीमाधारकों को दें ! कैट ने इस आशय का एक पत्र केंद्रीय वाणिज्य मंत्री  पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री श्हरदीप पुरी को भी भेजा है ! 
 
वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कोरोनोवायरस का प्रकोप केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में लिया गया है और इसके परिणामस्वरूप शैक्षिक संस्थानों, सिनेमा, जिम, एवं अन्य सेवा क्षेत्रों को बंद करने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए गए है! कोरोना वायरस से व्यापार एवं लघु उद्योग क्षेत्र में नकारात्मक आर्थिक प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिसके कारण बड़ा आर्थिक नुक्सान हो सकता है जिसकी भरपाई के लिए एक बीमा पालिसी की बहुत आवश्यकता है !  
 
श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि व्यापारी और दुकानदार रोजाना अनेक जाने-अनजाने ग्राहकों के संपर्क में आते हैं जिसके कारण वे कोरोनोवायरस से उच्च जोखिम में रहते हैं । इसलिए बीमा कंपनियों द्वारा वायरस से उत्पन्न  बीमारी या वेक्टर के कारण होने वाली बीमारियों के लिए एक बीमा कवर जरूरी है जो कोरोनोवायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होने या कोरोनावायरस के निदान पर  होने वाले खर्च को बीमा सुरक्षा देगी !इस बीमा कवर में  कई विकल्प होने से व्यापारियों और व्यवसायों को उनकी आवश्यकताओं के अनुकूल विकल्पों को चुनने में मदद मिलेगी।
 
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया ने कहा कि परंपरागत रूप से भारत में व्यवसायों और व्यापारियों ने जोखिमों को आग या प्राकृतिक आपदाओं के रूप में देखा है और उनके लिए ही बीमा सुरक्षा ली है जिसमें मुख्य रूप से बैंकों / वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यवसाय ऋण को बीमा सुरक्षा मिलती है !  इन नीतियों में से कोई भी व्यापार चलाने में आई रुकावट से उत्पन्न होने वाले नुकसानों को सुरक्षित नहीं किया जाता और कोरोनोवायरस के कारण व्यापार की आपूर्ति श्रृंखला को व्यवधानों से नुकसान होगा !
 
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि व्यापारियों, दुकानों, निर्माण इकाइयों आदि से युक्त वाणिज्यिक संपत्ति जोअस्थायी रूप से उपयोग नहीं की जा सकती है जिसके कारण व्यापारी को स्वयं या उसके आपूर्तिकर्ता अथवा कर्मचारी या ग्राहक तथा वित्तीय संस्थान या शेयरधारकों को नुकसान होता है और उस हानि को बीमा सुरक्षा मिलनी लाजिमी है ! उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में विदेश में उपलब्ध व्यापार रुकावट बीमा व्यापार के संचालन में  होने वाले व्यवधान के परिणामस्वरूप किसी व्यवसाय को होने वाली आय के नुकसान को कवर करता है!  प्रस्तावित बीमा कवरेज में कोरोना वायरस के कारण हुए घाटे ,संसथान खर्च ,कर्मचारियों को दिया गया वेतन शामिल हो सकते हैं वहीं आपूर्तिकर्ता परिसर, ग्राहक परिसर, बिजली / गैस / पानी की आपूर्ति की सार्वजनिक उपयोगिता की विफलता आदि को भी बीमा सुरक्षा दिया जाना आवश्यक है !
 
कैट ने यह भी कहा है कि जब किसी सरकारी प्राधिकरण द्वारा बीमाधारक के परिसर में संचारी या संक्रामक रोगों की पहुंच को रोकना हो तो भी व्यापारियों को आर्थिक क्षति होती है और इस दृष्टि से इस क्षति को बीमा सुरक्षा दिया जाना जरूरी है ।


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