*कैट ने वित्त मंत्री की घोषणाओं को सराहा -ब्याज को पूरी तरह समाप्त करने का आग्रह किया*

*वर्तमान वित्तीय वर्ष को 30 जून तक बढ़ाया जाए* 


नोएडा
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने आज वित्त मंत्री द्वारा आयकर, जीएसटी और अन्य अधिनियमों के तहत विभिन्न वैधानिक अनुपालनों की तिथि  आगे बढ़ाने के लिए की गई विभिन्न घोषणाओं की सराहना की है।  सुशील कुमार जैन संयोजक कैट दिल्ली एन सी आर ने कहा की इस विस्तारित तारीख की घोषणा ने देश भर के व्यापारियों को एक बड़े बोझ से मुक्त कर दिया है, जिन्हें इस बात का डर था कि जब सब कुछ लॉकडाउन है तो ऐसे में वैधानिक अनुपालन कैसे होगा। यह कदम व्यापारियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है !
। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कैट ने 30 जून, 2020 तक सभी वैधानिक अनुपालन के विस्तार की मांग की थी।


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल एवं संयोजक दिल्ली एन सी आर सुशील ने वित्त मंत्री की घोषणाओं का स्वागत करते हुए कहा कि ब्याज दर कम करने के बजाय विस्तारित अवधि के लिए ब्याज वापस लेना बेहतर होगा। व्यापारी नेताओं ने वित्त मंत्री को विस्तारित अवधि के लिए ब्याज की पूर्ण छूट देने का आग्रह किया!


 सुशील कुमार जैन ने कहा कि देश भर में 7 करोड़ व्यापारी बेहद उत्सुकता से  सरकार द्वारा घोषित होने वाले आर्थिक पैकेज की प्रतिसजहा कर रहे हैं! कैट ने  वित्त मंत्री वर्तमान वित्तीय वर्ष को से 31 मार्च बजाय 30 जून तक आगे बढ़ाने का आग्रह किया ।वित्त मंत्री को दिए अन्य सुझावों में कैट ने कहा की अगले वित्तीय वर्ष को नौ महीने के लिए किया जाए । बैंक ऋणों की वापसी, ईएमआई और अन्य बैंकिंग दायित्वों को 30 सितंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए और विस्तारित अवधि पर कोई ब्याज या जुर्माना नहीं वसूला जाना चाहिए। बिजली, पानी, संपत्ति कर जैसे सभी सरकारी  बिलों का भुगतान 30 सितंबर, 2020 तक स्थगित कर दिया जाना चाहिए और सेवाओं के ऐसे बिल में 50%  का डिस्काउंट दिया जाए । कर्मचारियों की भविष्य निधि में उनके 50 प्रतिशत हिस्से को आगामी छह महीने के लिए सरकार द्वारा वाहन किया जाए ! देश की सप्लाई चेन को सुचारू रूप से चलाने के लिए व्यापारियों को रियायती ब्याज दर पर  कोरोना कैश लोन दिया जाए । नॉन बैंकिंग फाइनेंस  कंपनियां और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन को आर्थिक रूप से मजबूत व्यापारियों को रियायती दर पर ऋण देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए । किसी भी व्यापारी के खाते को एनपीए घोषित नहीं किया जाए।


श्री सुशील कुमार जैन ने  वित्त मंत्री से आगे आग्रह किया कि सरकार को केवल तालाबंदी की अवधि के लिए अपने श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए व्यापारियों को सब्सिडी प्रदान करनी चाहिए। नकद करेंसी वायरस के गंभीर कैरियर में से एक है और इसलिए डिजिटल भुगतान को देश भर में प्रेरित करने के लिए  एक राष्ट्रीय अभियान है व्यापारिक संगठनों के सहयोग से व्यापारियों  से देश भर में चलाया जाना चाहिए । डिजिटल लेनदेन पर लगाए गए बैंक शुल्क को या तो माफ किए जाने चाहिए या सरकार को सीधे बैंकों को सब्सिडी देनी चाहिए और न ही व्यापारी को और न ही उपभोक्ता पर बैंक शुल्क लगाया जाए । व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए एक आकर्षक उपहार या कर छूट योजना प्रदान की जा सकती है जो डिजिटल भुगतान को अपनाते हैं !व्यापारियों की एक संयुक्त समिति व्यापारियों और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रत्येक जिला स्तर पर गठित की जाए ! लॉकडाउन और प्रतिबंधों के दौरान, ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल आवश्यक वस्तुओं को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए और अन्य किसी भी सामान के बिक्री के लिए उनके पोर्टल को फिलहाल प्रतिबंधित किया जाए ।


 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*"आज़ादी के दीवानों के तराने* ’ समूह नृत्य प्रतियोगिता में थिरकन डांस अकादमी ने जीता सर्वोत्तम पुरस्कार

ईश्वर के अनंत आनंद को तलाश रही है हमारी आत्मा

सेक्टर 122 हुआ राममय. दो दिनों से उत्सव का माहौल