विश्व पुस्तक मेला में आज का दिन बच्चों के कार्यक्रम से सराबोर रहा

विश्व पुस्तक मेला के छठे दिन की शुरुआत बालमंडप में बच्चों के लिए ड्राइंग व पंेटिंग कार्यशाला से हुई।विषय था,- ‘चलो,गांधीकाचित्र बनायें‘।जाने-मानेकलाकारश्रीदेवव्रत सरकार व लेखक सुश्री दीपाअग्रवाल की देखरेख में दर्शन अकादेमी, सलाम बालक ट्रस्ट तथा राजीव गांधी फाउंडेशन से बड़ी संख्या में आए बच्चों ने भाग लिया।इसअवसर पर सुश्रीदीपा अग्रवाल ने दांडीमार्च और स्वतंत्रता संग्राम में गांधी की भूमिका के बारे में बताया।


दूसरे सत्र में दर्शन अकादेमी द्वारा कहानी लेखन कार्यक्रम आयोजित हुआ।इस सत्र में बच्चों ने बहुत दिलचस्पी ली क्योंकि कहानी लेखन के माध्यम सेउन्हेंअपनीकल्पनाकोसाकारकरनेकामौकादियागयाथा।इसअवसरपरअंसलविश्वविद्यालय के मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीआर. एन. मालवीय उपस्थितथे।संचालनदर्शनअकादेमी की पुस्तकालयाध्यक्ष सुश्रीममताअमरपुरी ने किया।
आज वंडररूम व गांधीफाउंडेशन की ओरसे एक नाटक ‘पर हमें खेलनाहै‘ का मंचन किया गया।श्रीरंगगोडबोले द्वारालिखित यह नाटकमुुंबईविस्फोटों के तुरंतबादहुई घटनाओंपरआधारितथा।बच्चों ने दंगों की व्यंगात्मकप्रस्तुतिका खूबआनंदलिया।
सर्वोदय बालविद्यालय द्वाराबहादुरीपुरस्कारविजेताबच्चों के साथसंवाद-सत्र काआयोजनहुआ।इस सत्र कासंचालनबच्चों के लेखकश्रीरजनीकंात शुक्ल द्वाराकियागया।प्रमुख वक्ताथे-श्रीहरिश्चंद्रमेहरा, अक्षित व सुश्रीमहिकागुप्ता।
आॅथर्सकाॅर्नरः-
हाॅल संख्या-8 मेंस्थितआॅथर्सकाॅर्नरमेंसाहित्य अकादेमी द्वाराउत्तर-पूर्वीतथाउत्तर क्षेत्रीय लेखकसम्मेलनकाआयोजनकियागया।इससम्मेलनमेंभागलेनेवालेप्रमुख लेखकों व कवियोंमेंप्रमुख थे-श्री मधुआचार्य, श्रीसंजीवपालडेका,श्रीचरन सिंह पथिक, श्रीसालिमसलीम, श्रीगगनदीप शर्मा व जितेनओइनाम्बा।श्रीसंजीवपालडेका ने अंग्रेजीमेंतथाश्रीचरन सिंह ने हिंदीमें एक-एकलघुकहानीश्रोताओंकोसुनाईं।
एक अन्य कार्यक्रममेंअमरदीपथिंड की पुस्तक‘द सीक्रेटआॅफविनिंग‘कालोकार्पणकियागया।पुस्तकपरचर्चा के दौरानलेखकअमरदीप ने कहाकिजबआपअपनेतरीकेसेभय सेमुक्तिपालेतेहैं, तभीआपविजयीकहलातेहैं।इसचर्चामेंडॅा. प्रीतिनंदासिब्बल, अमितचावला, आशुतोष के.कांत, गुरुप्रीत,सुरुचि शर्मा व दिनेशवर्माआदि ने भागलिया


‘केंद्रीय हिंदीनिदेशालय’ के द्वारा सूचनात्मक संगोष्ठी काआयोजन किया गया।कार्यक्रममेंचारश्रेणियों- द्विभाषाकोश, त्रिभाषाकोश, वार्तालापपुस्तकतथाविदेशभाषावार्तालाप के कोशोंपरबात की गई।तीननूतनप्रकाशनपंजाबी-हिंदीकोश, गुजराती-हिंदीकोशतथावृहतहिंदीकोशपरविशेषचर्चाहुई।विशिष्टअतिथि के रूपमेंपद्मश्री श्याम सिंह शशि, अवनीशकुमारवक्ता के रूपमेंदीपकपांडे, किरणझा, प्रो. योगेन्द्रनाथ शर्माउपस्थितथे।समारोहमेंनिदेशालय के आधिकारिक यूट्यूबचैनल ‘हिन्दीभाषावाणी‘ तथाकोश योजना,शब्दावली योजना, परिभाषाकोश योजना के बारेमेंसूचनादेतेहुए अष्टमसूचीमें शामिलभाषाओं व विदेशीभाषाओं के आपसीसंवाद बढ़ानेपरचर्चाहुई।पद्मश्रीश्याम सिंह ने निदेशालय द्वारानिर्मितशब्दों के प्रचलनतथा ‘सामाजिकविज्ञानहिंदीकोश’ के छठे भागकोनिकालनेकासुझावदिया।शरदआलोक की पुस्तक ‘प्रवासीकाअंतर्द्वंद’ काभीलोकार्पणहुआ।मो. नसीम ने कार्यक्रमकासंचालनकिया।
‘केंद्रीय हिंदीसंस्थान‘ द्वारा ‘हिंदी की समृद्धिभारतीय भाषाओं के साथ‘विषय परपरिचर्चाकाआयोजनकियागया। ‘केंद्रीय हिंदीशिक्षण‘ मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. कमलकिशोरगोयनका की अध्यक्षतामेंसम्पन्नइसपरिचर्चामेंवरिष्ठसाहित्यकार डॉ. योगेंद्रनाथ शर्मा, दिल्लीविश्वविद्यालय के प्रोफेसरचन्दनकुमारतथावरिष्ठशिक्षाविद्श्रीअतुलकोठारीवक्ता के रूपमेंउपस्थितथे।इसकार्यक्रम के अंतर्गतप्रो. चंदनकुमार की पुस्तक ‘संवाद यात्रा‘ कालोकार्पणभीकियागया।कार्यक्रमकासंचालनकेंद्रीय हिंदीसंस्थान, दिल्ली के क्षेत्रीय निदेशकप्रो. महेंद्र सिंह राणा ने किया।
किताबघरप्रकाशन द्वारासाहित्य अकादेमीसेसम्मानितप्रसिद्ध लेखिकानासिरा शर्मा के उपन्यास ‘कागज की नाव‘परपरिचर्चाकाआयोजनकियागया।इसकार्यक्रमकासंचालनप्रज्ञापांडे ने किया।
 
थीम  पवेलियन में आज भारतसरकार के न्याय विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा एक प्रश्नोत्तरीप्रतियोगिताकाआयोजनकियागया।प्रश्नोत्तरीकाउद्देश्य लोगोंकोभारतीय संविधानमेंनिहितमौलिकअधिकारों व कर्तव्यों के प्रतिलोगोंकोजागरूककरनाथा।प्रश्नोत्तरी के उपरांतकानूनीसलाहकारशिखाहुंडल द्वारा एक परिचर्चाप्रारंभ की गई।इसमेंकंवलजीतअरोड़ा, चंद्रजीत, नम्रताअग्रवाल, नुसरत खान,मारियाफरीदीआदिकानूनीविशेषज्ञों ने भागलिया।इसकार्यक्रममेंनेशनललाॅकाॅलेज,रांची  के छात्र विनीश व कामरा ने भीहिस्सालिया।क्विजप्रतियोगितामेंसीनियरबाॅयजस्कूल, वसंतकुंज व इंद्रपुरी के बच्चों ने भागलिया।
 
मेला स्थल के हॅाल संख्या-8 के में ‘महात्मागांधीऔरहिंदी‘ विषय पर नागरी लिपि परिषद द्वारा एक परिचर्चा आयोजित की गई।हिंदी के विकासमेंगांधीका योगदानपरिचर्चाकाकेंद्रीय विषय था।वक्ताओं ने बतायाकिकैसेगांधी ने अपनेविरोध प्रदर्शनों के दौरानहिंदी के प्रयोगको बढ़ावादिया। युवाओंमेंहिंदी के प्रयोग के प्रति बढ़तीउदासीनतापरवक्ताओं ने गहरीचिंताप्रकटकी।परिचर्चामेंडॅा. पांचाल, नारायण कुमार, आचार्यओमप्रकाश, श्यामसुंदरकठूरिया व रा.पु.न्यास के उपनिदेशकराकेशकुमार ने भागलिया।संचालनडॅा. हरीकुमार ने किया।


 


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