‘युवाओं को लोकतंत्र के योद्धाओं के रूप में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए’: लोकसभा अध्यक्ष

 


नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज दिल्ली विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) - भारत क्षेत्र द्वारा आयोजित राष्ट्रमंडल युवा संसद (CYP) के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। अधिवेशन में प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए श्री बिरला ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक शासन को प्राप्त करने में सक्षम रहा है, परन्तु दुनिया के कई देश अभी तक लोकतान्त्रिक शासन के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को निरंतर संघर्ष के माध्यम से संरक्षित करने की आवश्यकता है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि युवाओं को लोकतंत्र के योद्धाओं के रूप में प्रशिक्षित जाना चाहिए, जो की CYP के लक्ष्यों में से एक है।


 


श्री बिरला ने आगे कहा कि उत्कृष्टता और सफलता का पीछा करने के लिए, उस क्षेत्र से जुड़ी परंपराओं, प्रथाओं और बारीकियों को समझना और परिचित होना महत्वपूर्ण है जिस क्षेत्र में हम सफलता पाना चाहता है । उन्होंने  युवाओं को संसदीय प्रक्रिया के साथ सार्वजनिक सेवा और नीति निर्धारण की मूल बातों से परिचित कराने के लिए राष्ट्रमंडल युवा संसद की सराहना की और बधाई दी। उन्होंने एकत्रित प्रतिनिधियों को CYP द्वारा प्रस्तुत इस अवसर का उपयोग करने और अपने ज्ञान और अनुभव को समृद्ध करने की सलाह दी।


 


श्री बिरला ने कहा कि लोकतंत्र के मूलभूत मूल्य संवाद, बहस और निर्णय है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल अल्पमत पर बहुमत का शासन नहीं है, बल्कि यह सभी प्रकार के मतों और हितधारकों को साथ लेकर चलने के बारे में है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी मतों के लिए जगह है और सभी आवाज़ों को धैर्य और उचित सम्मान के साथ सुनना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र इन्हीं मूलभूत मूल्यों पर आधारित है।


 


 


श्री बिरला ने कहा कि वर्तमान समय में, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग के कारण, पूरी दुनिया की नियति आपस में जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया आज एक वैश्विक गांव है और दुनिया को जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना सामूहिक रूप से और समावेशी तरीके से करना होगा। उन्होंने आगे कहा की दुनिया को संसदीय लोकतंत्र की मार्गदर्शक भावना के आधार पर एकता के लिए प्रयास करना चाहिए। श्री बिरला ने कहा कि युवाओं को लोकतंत्र और सार्वजनिक सेवा में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए क्योंकि युवाओं में नए दृष्टिकोण और विचारों के साथ-साथ ऊर्जा और उत्साह है और वे दुनिया के सामने आने वाली समस्याओं में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।


 


इससे पहले, सत्र को दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष श्री राम निवास गोयल, दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और सीपीए अध्यक्ष H. E. एमिलिया मोनजोवा लिफ़ाक़ा ने भी सम्बोधित किया था।


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