एनएलसी भारत के एतिहासिक मंच पर इस महीने मुंबई में जुटेंगे 2500 विधायक, जानें क्या है मौका
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- पार्टी लाइन से इतर, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को होगा सबसे बड़ा जुटान
-लोकतंत्र को और मजबूत बनाने और उसके सामने मौजूद चुनौतियों पर होगी बात
- आजादी के बाद पहली बार देश में हो रहा है विधायकों और एमएलसी का इतना बड़ा सम्मेलन
- राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत है इस कार्यक्रम का आयोजक
- एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, भारतीय छात्र संसद और अतुल्य भारत निर्माण फाउंडेशन भी कर रहे हैं सहयोग
नई दिल्ली : इस साल जून के महीने में मुंबई में देश के विधायक और विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) का सबसे बड़ा जुटान होने जा रहा है. इसमें देश के हर राज्य से आये विधायक और एमएलसी भविष्य में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करेंगे. ताकि लोकतंत्र को और मजबूत किया जा सके. इस कार्यक्रम का आयोजक राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत (एनएलसी भारत) है. एनएलसी भारत ने बताया कि यह आयोजन 15 से 17 जून तक मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में होगा.
मंगलवार को लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष डॉ. मीरा कुमार और सुमित्रताई महाजन के साथ एनएलसी भारत के संयोजक राहुल कराड ने कार्यक्रम के बारे में मीडिया को जानकारी दी. बताया गया कि सम्मेलन का उद्देश्य देश भर से आये विधायकों और एमएलसी के बीच लोकतंत्र के लिए जरूरी चर्चाओं को सुविधाजनक बनाना है. ताकि भारत के विधायी और लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत बनाया जा सके.
सम्मेलन के सहायक राहुल वी कराड ने कहा कि सम्मानित संरक्षकों और हमारी सभा के पूर्व संरक्षकों और वक्ताओं के मार्गदर्शन में, हम पिछले 12 महीने से एक सम्मेलन आयोजित करने के प्रयास में लगे हुए हैं. यह सम्मेलन विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का मौका देने का एक प्रयास है. राहुल ने कहा कि सम्मेलन को विशेष रूप से शासन, चुनाव और उनसे जुड़ी चुनौतियों जैसे विषयों को संबोधित करने के लिए डिजाइन किया गया है. मेरा विश्वास है कि इस तरह के सम्मेलन से देश के भीतर चल रही राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच विकास के मुद्दे पर पार्टी लाइन से इतर अध्ययन और चर्चा संभव हो पायेगा.
मंच से जुड़े लोगों ने मीडिया को बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन में तकनीकी आधारित आर्थिक विकास, अंतर्राष्ट्रीय विधायी प्रथाओं और सामाजिक प्रगति के लिए नौकरशाहों और विधायकों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों सहित दस प्रमुख विषयों को शामिल करते हुए समानांतर पैनल चर्चा होगी.
बताया गया कि प्रत्येक सत्र की अध्यक्षता अपने क्षेत्र के प्रमुख व्यक्ति करेंगे. हर सत्र में 40 विधायक हिस्सा लेंगे. इसके अतिरिक्त, सम्मेलन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों के अनुभव साझा करने, शासन और सामाजिक कल्याण पर जानकारियों के आदान-प्रदान करने और बेहतर शासन के लिए प्रभावी मॉडल अपनाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा.
एनएलसी भारत विधायकों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए उनका जश्न मनाएगा. इस मंच के माध्यम से किसी विधायक द्वारा अपनाई गई अनुकरणीय प्रथा को दूसरे विधायकों के साथ साझा किया जायेगा. ताकि वह भी अपने क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को कम कर सकें. इससे अंतिम व्यक्ति तक विकास को पहुंचाने में हमें मदद मिलेगी.
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, 75 विधायक अपने क्षेत्र में विकास के लिए अपनाई गई 75 खास उपायों के बारे में बतायेंगे. इसके अतिरिक्त दुनिया भर के 75 प्रशंसनीय लोकतांत्रिक प्रथाओं के बारे में भी चर्चा होगी.
इसके अलावा, सम्मेलन ऐसे प्रभावशाली ग्रासरूट सोशल इनोवेशन को भी प्रदर्शित किया जायेगा जो पूरे देश के लिए अनुकरणीय होगा. इसके साथ ही आध्यात्मिक नेताओं के साथ एक गोलमेज चर्चा भी होगी.
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष डॉ. मीरा कुमार ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं. हम जातिवाद, सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार, जलवायु परिवर्तन, अपराधीकरण और औपनिवेशिक मानसिकता के अवशेषों के खिलाफ अपने रुख में दृढ़ हैं. ये छह महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं जिनके खिलाफ लड़ाई में विधायक और एमएलसी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी को एक साथ आना होगा. मीरा कुमार ने कहा कि विधायक और एमएलसी हमारे राष्ट्र को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा करते हुए वैश्विक उन्नति के लिए सक्रिय कदम उठाना सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि एनएलसी भारत के लगभग सभी सदस्य किसी ना किसी राजनीतिक दल से संबद्ध हैं या एक विशिष्ट विचारधारा का पालन करते हैं. फिर भी सभी एक साथ है. उन्होंने कहा कि राजनीति में एक ऐसा क्षण आना चाहिए जब हम सिर्फ आत्म-प्रशंसा या आलोचना में शामिल ना हों. बल्कि उन लोगों की सेवा के लिए खुद को समर्पित करें जो हाशिए पर हैं और आवाजहीन हैं. उन्होंने कहा कि एनएलसी भारत ऐसे ही लोगों के सशक्तिकरण और उत्थान की वकालत करता है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, विभिन्न विधानसभाओं के प्रमुख अध्यक्षों ने भी अपनी बातें रखीं. उनमें उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां और हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी शामिल थे. उनकी उपस्थिति ने देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से व्यापक भागीदारी को दर्शाते हुए इस कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण इनपुट दिये.
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रताई महाजन ने कहा कि यह सम्मेलन अपने आप में विशिष्टता है. यह विधायकों और एमएलसी के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा. जहां विचारों का आदान-प्रदान किया जा सकेगा. जिससे राज्यों के सामने आने वाली चुनौतियों के बेहतर तरीके से तैयार करेगा. सुमित्रताई ने कहा कि सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य तनाव प्रबंधन, निर्वाचन क्षेत्र के विकास और राष्ट्र की समग्र प्रगति पर है. वक्ताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी हमारी आशा को और बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि हमें आत्मविशअवास है कि यह सम्मेलन सफल होगा. उन्होंने विशेष रूप से एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (एमआईटी-एसओजी) का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि एमआईटी-एसओजी के प्रयासों के कारण ही यह आयोजन संभव हो सकता है. उनका योगदान महत्वपूर्ण है.
एनएलसी भारत में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और सांकेतिक कार्यक्रम होंगे. ऐसा ही एक आयोजन विधायक उदयन है. जहां देश भर के विधायक और एमएलसी अपने संबंधित क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली मिट्टी और पानी लाकर सांकेतिक उद्यान बनाएंगे.
इस आयोजन का एक अन्य आकर्षण प्रतिष्ठित गायिका उषा उत्थुप का 'लोकतंत्र का रैंप' कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम में सभी विधायक और एमएलसी अपने क्षेत्र के पारंपरिक पोशाक का प्रदर्शन करेंगे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य सम्मेलन में जीवंतता और सांस्कृतिक महत्व जोड़ना होगा. इसके साथ ही इससे प्रतिभागियों के बीच टीम बिल्डिंग और उत्सवधर्मिता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
शिवराज पाटिल ने कहा कि इस सम्मेलन का प्राथमिक ध्यान पंचायतों या जिला पंचायतों के कामकाज की जांच करना नहीं है. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का सबसे बड़ा महत्व हमारे राष्ट्र की बेहतरी के लिए तैयार की गई नीतियों की ओर हमारा ध्यान केंद्रित करना और उनके कार्यान्वयन और प्रभाव के बारे में उपयोगी चर्चाओं में शामिल होना है.
शिवराज पाटिल ने कहा कि यह जरूरी है कि हम वर्तमान परिस्थितियों का मूल्यांकन करें. मौजूदा मुद्दों से निपटने के लिए उचित उपाय करें. उन्होंने कहा कि हमारी रणनीतियों को तैयार करते समय अतीत, वर्तमान और भविष्य के दृष्टिकोणों पर विचार करना महत्वपूर्ण है. जानकारी से परिपूर्ण और व्यापक निर्णय लेने के लिए इन विविध दृष्टिकोणों को ध्यान में रखना अनिवार्य है.
एनएलसी भारत के बारे में:
राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत (एनएलसी भारत) का पहला संस्करण 15, 16 और 17 जून को मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में होने वाला है. इस मंच का बुनियादी उद्देश्य देश की राजनीति में पार्टी लाइन से इतर एक संवाद कायम करके स्वस्ठ राजनीतिक और सामाजिक माहौल बनाने के टूल्स तलाशना है. ताकि, सुशासन को बढ़ावा दिया जा सके. इस मंच के माध्यम से हमारे देश के विधायक और एमएलसी दुनिया भर के नेताओं और पार्टी अध्यक्षों से बातचीत करेंगे. जिसका उद्देश्य आपसी अनुभवों का बंटवारा होगा. ताकि लोकतंत्र के संबंध में एक व्यापक दृष्टिकोण को समझा जा सके. एनएलसी भारत को यकीन है कि इस चर्चा से मूल्यवान अंतर्दृष्टि मिलेगी. जिससे हमारे देश का लोकतंत्र और मजबूत होगा.
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