’भाजपा को अलग-थलग करने तथा हराने’ की अपने मुख्य काम के रूप में पहचान बनाएगी कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी )

नई दिल्ली

 भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी ) की 23वीं कांग्रेस 6 से 10 अप्रैल तक केरल में कन्नूर में संपन्न हुई। इन पांच दिनों में पार्टी कांग्रेस ने सफलता के साथ अपना काम पूरा किया।

          पार्टी कांग्रेस ने एक 85 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी का चुनाव किया और नयी केंद्रीय कमेटी ने सीताराम येचुरी को फिर से महासचिव चुना और एक 17 सदस्यीय पोलिट ब्यूरो का चुनाव किया।

          पार्टी कांग्रेस के समापन के मौके पर जैसे मानव सागर ही उमड़ पड़ा। यह जन-सागरकांग्रेस के समापन के मौके पर निकले विशाल जुलूस और जन सभा के लिए था। यह अपार जन सागरइसकी गवाही दे रहा था कि केरल की जनता के बीच सी पी आइ (एमकी जड़ें कितनी गहरी जमी हुई हैं।

          पार्टी कांग्रेस ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव के जरिए, ’भाजपा को अलग-थलग करने तथा हराने’ कीअपने मुख्य काम के रूप में पहचान की है। भाजपासरकार का सहारा लेकरफासीवादी आरएसएस के हिंदुत्ववादी सांप्रदायिकता के एजेंडे को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने में लगी हुई है।

          इसके साथ ही भाजपा की सरकार नेघोर नवउदारवादी सुधारों को चलाने के जरिए चहुंमुखी हमला बोला हुआ है। इसमें राष्ट्रीय परिसंपत्तियों को लूटा जा रहा हैदरबारी पूंजीवाद को आगे बढ़ाया जा रहा हैराजनीतिक भ्रष्टाचार को कानूनी बनाया जा रहा है और मुकम्मल तानाशाही को थोपा जा रहा है।

          बहरहालभाजपा को अलग-थलग करने तथा हराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि सी पी आइ (एमकी स्वतंत्र ताकत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो ताकि उसकी हस्तक्षेप की क्षमताएं और ज्यादा कारगर हो सकें। इसे हासिल करने के लिए पार्टी को जिन अनेक राजनीतिक-सांगठनिक कदमों को उठाने की जरूरत हैउन्हें भी पार्टी कांग्रेस ने तय किया है।

          इसके साथ ही पार्टी कांग्रेस ने वामपंथी ताकतों की एकता को मजबूत करने का और एक वैकल्पिक नीतिगत कार्यक्रम के आधार परजो सत्ताधारी वर्ग की नीतियों का विकल्प पेश करेगावामपंथी तथा जनतांत्रिक मोर्चा खड़ा करने और इसके आधार पर जनता के संघर्षों को तेज करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही पार्टीहिंदुत्ववादी सांप्रदायिकता के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष ताकतों की व्यापकतम गोलबंदी करने के लिए काम करेगी।

          पार्टी कांग्रेस ने राजनीतिकविचारधारात्मकसामाजिकसांस्कृतिक तथा सांगठनिकसभी स्तरों परहिंदुत्ववादी सांप्रदायिकता की चुनौतियों का मुकाबला करने का फैसला लिया है।

          पार्टी कांग्रेस ने 22 प्रस्ताव भी स्वीकार किए हैंजो विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर सी पी आइ (एमके रुख को रेखांकित करते हैं और उसे बलपूर्वक स्वर देते हैं।

          राजनीतिक प्रस्ताव के मसौदे परपार्टी कांग्रेस से पहले देश भर से पार्टी सदस्यों के 4,001 संशोधन प्रस्ताव आए थे। इसके अलावापार्टी कांग्रेस में हिस्सा ले रहे प्रतिनिधियों सेकांग्रेस के दौरान 390 संशोधन प्रस्ताव तथा 12 सुझाव मिले थे। इन सब संशोधनों पर विचार किया गया और अब स्वीकार किए गए सशोधनों को जोडक़रप्रस्ताव के मसौदे को समृद्ध बनाते हुए अंतिम रूप दिया जाएगा।

          पार्टी कांग्रेस ने सभी भारतीय देशभक्तों से अपील की है कि हिंदुत्ववादी सांप्रदायिक ताकतों के भीषण हमले के शिकार हो रहे भारतीय गणतंत्र के धर्मनिरपेक्ष जनतांत्रिक चरित्र की हिफाजत करने के लिएभारतीय संविधान की रक्षा करने के लिएजनता के संविधान के अंतर्गत गारंटीकृत अधिकारों का बचाव करने के लिए और जनविरोधी नीतियों के हमले के खिलाफ वर्गीय  जन संघर्षों को तेज करने के लिएएकजुट हो जाएं।                              

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