साहित्य में विकलांगता-केन्द्रित लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए दिये जाने वाले विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार के दूसरे संस्करण के परिणामों की घोषणा

 


विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कारों के दूसरे संस्करण के परिणामों की घोषणा

 नई दिल्ली

साहित्य में विकलांगता-केन्द्रित लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए दिये जाने वाले विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार के दूसरे संस्करण के परिणामों की घोषणा

कर दी गई है। इस बार सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार आलोकिता द्वारा लिखित "च्यूइंगम" कहानी को दिया गया है और सर्वोत्तम कविता का पुरस्कार डॉ. गीता शर्मा द्वारा लिखित "शरद पूर्णिमा के चांद" कविता को दिया गया है। इस बार विजेता प्रविष्टियों का चयन पुरस्कार के संस्थापक श्री ललित कुमार 'सम्यक ललित' द्वारा ही किया गया। कविता कोश और ईवारा फ़ाउंडेशन द्वारा समर्थित इन पुरस्कारों की घोषणा आज कविता कोश परियोजना के पंद्रह वर्ष पूरे होने के अवसर पर की गई।


विजेताओं के चयन के बारे में श्री सम्यक ललित ने बताया "पुरस्कार के दूसरे संस्करण के लिए प्राप्त हुई सैंकड़ों प्रविष्टियों में से अनेक कहानियाँ और कविताएँ अच्छी लगीं। चुनाव करते समय मेरा सबसे बड़ा पैमाना यह देखना था कि लेखन में विकलांगता के प्रति संवेदना की बारीकी है या नहीं। बारीक संवेदना -- इस शब्द चयन को मैं भविष्य में भी दोहराऊँगा -- बल्कि यह शब्द चयन विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार के लिए एक आधारभूत आवश्यकता का रूप भी लेगा।"

"जैसा कि प्रथम पुरस्कार में देखा गया था -- अधिकांश लेखक इस बार भी "विकलांगता और प्रेरणा" के चक्र से बाहर नहीं निकल पाए। विकलांगजन को एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत कर देने मात्र से विकलांगता-विमर्श पूरा नहीं होता। विकलांगता और विकलांगजन के जीवन के भी उतने ही पक्ष होते है जितने पक्ष किसी भी इंसान के जीवन में होते हैं। इसलिए विकलांगजन को प्रेरणा के दायरे में बंद कर देना समाज के एक बड़े वर्ग के साथ अन्याय है। विकलांगता विमर्श और विटामिन ज़िन्दगी पुरस्कार के पीछे मेरा उद्देश्य साहित्यिक लेखन में विकलांगता से जुड़ी बारीक संवेदना की अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना है। पुरस्कार के दूसरे संस्करण के दोनों विजेता संवेदना की उस बारीकी को छू पाए हैं और इसीलिए उन्हें चयनित किया गया है।", श्री सम्यक ललित ने बताया।

आलोकिता को सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए ग्यारह हज़ार रुपये और सम्मान पत्र दिया जाएगा। सर्वोत्तम कविता के लिए डॉ. गीता शर्मा को पाँच हज़ार रुपये और सम्मान पत्र दिया जाएगा। श्री सम्यक ललित ने बताया कि इस बार प्राप्त हुई प्रविष्टियों में से चुनी हुई रचनाएँ पुस्तक-रूप में शीघ्र ही आपके लिए उपलब्ध होंगी।

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