वर्चुअल प्लेटफार्म पर 49वां आईएचजीएफ-दिल्ली मेला शुरू,केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने किया उद्घाटन

वर्चुअल प्लेटफार्म पर 49वां आईएचजीएफ-दिल्ली मेला शुरू


पीएम मोदी ने आयोजन की सफलता के लिए भेजी शुभकामनाएं


नई दिल्ली। आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 49वें संस्करण का उद्घाटन सोमवार को भारत सरकार की केंद्रीय टेक्सटाइल और महिला एवं विकास कल्याण मंत्री स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) को वर्चुअल मोड पर आईएचजीएफ दिल्ली मेले के आयोजन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ये आयोजन हस्तशिल्प सेक्टर को मजबूत करने के प्रयासों के प्रति हमारी संकल्पबद्धता को प्रदर्शित करता है। 


अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय हस्तशिल्प पूरे विश्व में अपनी कलात्मक उत्कृष्टता, नए प्रयोगों और सृजनात्मकता के लिए प्रसिद्ध है। इसने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी अलग जगह बना ली है। जितना हस्तशिल्प उद्योग बढ़ेगा, उतने ही अवसर हस्तशिल्पियों और कारीगरों को मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व इस समय भारत को एक भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार के तौर पर देख रहा है। देश भी वर्तमान समय में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। मौजूदा समय में उन्होंने सभी से लोकल के लिए वोकल होने की अपील की, जिससे हमारे लोकल उत्पाद भी ग्लोबल ब्रांड बन सकें। उन्होंने विश्वास जताया कि ऐसा होने पर हस्तशिल्प सेक्टर समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकेगा।


केंद्रीय टेक्सटाइल और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मेले का उद्घाटन करने के बाद कहा कि कोविड महामारी के दौरान ईपीसीएच आईएचजीएफ दिल्ली मेले को वर्चुअल मोड पर लाया है। इसमें बड़ी संख्या में निर्यातक भारतीय हस्तशिल्प और बेहतरीन कारीगरी का प्रदर्शन करने वाले हैं। इससे भारत के छोटे, लघु और मध्यम निर्यातकों को पूरी दुनिया से इस आयोजन में वर्चुअल मोड पर शिरकत कर रहे बाइंग एजेंट, बाइंग हाउसेज के साथ व्यापारिक गतिविधियों से लाभ और खुशी दोनों मिलेगी। उन्होंने आयोजन से जुड़े हर व्यक्ति की सफलता के लिए शुभकामना दी।


केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी अपनी शुभकामनाएं भेजीं और कहा कि कोविड संकट के दौरान वर्चुअल प्लेटफार्म पर हो रहा हैंडीक्राफ्ट और गिफ्ट मेला सभी के लिए नया अनुभव होगा। वाणिज्य मंत्री ने ईपीसीएच के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ईपीसीएच ने आईएचजीफ दिल्ली मेले की एक छत के नीचे हस्तशिल्प और गिफ्ट सामग्रियों का संसार जैसा बसा दिया है। इसमें 11 हजार सदस्य निर्यातकों के साथ काम कर रहे 70 लाख से ज्यादा कारीगरों की मेहनत है। इस मेले ने इन्हें अपनी मार्केटिंग का अच्छा मंच तो दिया ही है, साथ ही विश्व बाजार में भारतीय हस्तशिल्प की ब्रांड इमेज को भी मजबूत किया है। हस्तशिल्प की वस्तुएं ना सिर्फ व्यक्तियों की प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, बल्कि ये उन लोगों की खून पसीने की मेहनत का भी परिणाम हैं, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी इस कला को संजोए रखा और आगे बढ़ाया। 


टेक्सटाइल मंत्रालय के सचिव रवि कपूर ने कहा कि परंपरागत रूप से ईपीसीएच एक बार फिर से अपनी तरह का पहला मेगा वर्चुअल मेला आयोजित करने वाला अग्रणी संगठन है, जिसने ऐसा बड़ा आयोजन कर बड़ी संख्या में ग्राहकों और विक्रेताओं को एक मंच पर लाने के काम किया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में यह एक शानदार और अनोखा प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्चुअल मोड पर भी यह मेला सफलता के कीर्तिमान रचेगा। 


हथकरघा विकास आयुक्त शांतमनु ने कहा कि यह पहला मौका है, जब आईएचजीएफ दिल्ली मेला वर्चुअल मोड पर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने इसे वक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि भारत के पास हस्तशिल्प की एक बड़ी रेंज है, जो जीवन के हर आयाम जैसे किचेन वेयर, फैशन वियर, बाथरूम वेयर, फर्नीचर, गिफ्ट आदि की जरूरत पूरी करती है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राहक को हमेशा अच्छी क्वालिटी के उत्पादों की तलाश होती है और इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि मेले में प्रदर्शित उत्पाद इस आवश्यकता को पूरा करें। 


ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के. पासी ने कहा कि कोविड-19 संकट ने ईपीसीएच के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की थी, जिससे निपटने के लिए हमने विकल्पों पर व्यापक विचार किया और वर्चुअल मेले की शक्ल में अपने सदस्य निर्यातकों के सामने इस चुनौतीपूर्ण समय में एक वैकल्पिक बिजनेस मॉडल पेश किया, जो ऐसे समय में बेहद माकूल और वाजिब है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन कहीं ज्यादा बड़ा है और इसमें प्रदर्शित किए जाने वाले उत्पादों की रेंज बहुत बड़ी है, जिसमें घरेलू, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल उत्पाद शामिल हैं।


आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 49वें संस्करण के अध्यक्ष नीरज खन्ना ने कहा कि यह ईपीसीएच का एकदम नया प्रयोग है और कोविड-19 महामारी के संकटकाल में इसकी बहुत जरूरत थी। दुनिया लॉकडाउन की स्थिति में है, लेकिन द शो मस्ट गो ऑन की भावना से प्रेरित ईपीसीएच ने इस वर्चुअल मेले को आपके सामने रखा है। उन्होंने इसे ही अब न्यू नॉर्मल बताया और कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह हम सभी के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा। 


ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने कहा कि हर आपदा अपने साथ एक अवसर लेकर आती है और इस महामारी ने हमें अपने सदस्य निर्यातकों को वैकल्पिक मार्केटिंग प्लेटफार्म देने का अवसर प्रदान किया है। आज इस वर्चुअल मेले का उद्घाटन हुआ है, जो घरेलू जरूरतों जैसे लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल उत्पादों आदि के व्यापार के लिए एक वैकल्पिक माध्यम साबित होगा। उन्होंने कहा कि मेले में देश के कोने कोने से 1500 से ज्यादा निर्यातक हिस्सा ले रहे हैं। इसमें जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के हस्तशिल्प को प्रदर्शित करने के लिए विशेष डिस्प्ले भी आयोजित किए गए हैं। इन सबके साथ कई वेबिनार,पैनल डिस्कशन, मास्टर क्लास, क्राफ्ट डेमॉंस्ट्रेशन, फैशन शो आदि भी आयोजित किए जाएंगे। राकेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 25,027.08 करोड़ रुपये का हस्तशिल्प निर्यात किया गया था।


मेले में शिरकत आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चैड, चिली, चीन, चेक गणराज्य, डेनमार्क, इक्वाडोर, मिस्त्र, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हॉन्गकांग, आयरलैंड, इस्राइल, इटली, जापान, कुवैत, लेबनान, लिथुवानिया, लक्ज़मबर्ग, मारीशस, नामीबिया, नेपाल, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, नार्वे, ओमान, फिलीपींस, पुर्तगाल, क्वारटोरिको, रूस, सउदी अरब, सर्बिया, मॉन्टीनीग्रो, सिंगापुर, दक्षिणी अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड, ताइवान, थाईलैंड, तुर्की, युगांडा, संयुक्त अरब अमीरात, युनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमरीका और उरुग्वे आदि देशों के ग्राहक शामिल हैं।


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