*11 दिसम्बर को प्रदेश भर में भाकियू करेगी सभी रास्ते जाम*

*गन्ना मूल्य में लगातार तीसरे साल भी वृद्धि न करना किसान हितों पर कुठाराघात-चौ राकेश टिकैत*


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने गन्ना मूल्य में वृद्धि न किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह सरकार किसानों को आत्महत्या के रास्ते पर ले जा रही है।पिछले  तीन वर्षों से गन्ना उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है ,शाहजहांपुर शुगर केन इंस्टिट्यूट की अपनी लागत भी  ₹300 कुंतल की है, लेकिन सरकार  द्वारा इस वर्ष भी कोई वृद्धि  न  करके किसान हितों  पर कड़ा प्रहार किया है। शुगर मिल मालिकों को संरक्षित करने के लिए सरकार किसानों का गला घोट रही है। पिछले 3 वर्षों में गन्ने की रिकवरी साढे 8% से बढ़कर 11:30 प्रतिशत तक हुई है जिसका सारा लाभ मिल मालिकों को मिल रहा है ।किसान ने अपने प्रयास से रिकवरी में वृद्धि की है जिसका लाभ किसान को मिलना चाहिए था, लेकिन इसका लाभ भी सरकार द्वारा पूंजी पतियों को दिया जा रहा है। आज गन्ना किसान तमाम समस्याओं से ग्रस्त है किसानों का हाडा घटा दिया गया है, समय से पर्ची नहीं मिल पा रही है और किसानों का बेसिक कोटा भी कम कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में किसानों द्वारा गन्ने की फसल को लंबे समय तक कर पाना संभव नहीं है गन्ने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। पशु प्रेमी सरकार द्वारा पशुओ  से  फसलों के संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। ऐसी स्थिति में भारतीय किसान यूनियन चुप बैठने वाली नहीं है।


 आगामी 11 तारीख दिन बुधवार को भारतीय किसान यूनियन सभी गन्ना पैदा करने वाले जिलों में रास्ते जाम कर अपना विरोध प्रकट करेगी ।यह आंदोलन क्रमवार तब तक चलता रहेगा जब तक गन्ना किसानों को उनका हक नहीं मिल जाता।
प्रदेश में जाम लगाकर 11 दिसम्बर को गन्ने की होली जलाई जाएगी।
भाकियू की मांग है कि गन्ने का मूल्य 450 रू कुंतल किया जाय।


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