‘‘जौं ममचरन सक हिंस ठटारी । फिरहिं रामुसीता मैं हारी।’’





नोएडा। श्रीराम मित्रमण्डल नोएडा द्वारा आयोजित राम लीला मंचन सेक्टर-62  के आठवें दिन मुख्य अतिथि नोएडा प्राधिकरण के विशेष कार्यधिकारी एम.पी.सिंह, अपर श्रमायुक्त बी.के राय, पूर्व प्रधान सचिव दीपक सिंघल एवं सुदर्शन समाचार के प्रबंधक निदेशक सुरेश चौहनके द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर लीला आरंभ की गई । श्रीराम मित्र मंडल राम लीला समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गोयल एवं महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया। मंच संचालन मुन्ना कुमार शर्मा द्वारा किया गया।

पहले दृश्य मे मेघनाथ द्वारा हनुमान को पकड़कर रावण के दरबार मे लाया जाता है जहाँ हनुमान रावण से कहते हैं कि अब भी समय है अपने कुकर्मो के लिए श्रीराम से क्षमा मांग लो वह दया की मूर्ति हैं निसंदेह तुमको क्षमा कर देंगे परन्तु रावण अपने अहंकार मे क्षमा मांगने से मना कर देता है वहीं रावण दरबार में सभी कहते है कि हनुमान को मार दिया जाये लेकिन विभीषण के समझाने पर रावण ने कहा कि इसकी पूछ पर आग लगा दो । आग लगाने के बाद हनुमान जी एक महल से दूसरे महल पर जाते है और इस तरह पूरी लंका को जला देते है । इससे राक्षस बहुत भयभीत हो जाते हैं । सीता से आज्ञा लेकर एवं चूड़ामणि लेकर राम जी के पास पहुंचते है । अगले दृश्य में श्रीराम रामेश्वरम की स्थापना हेतु भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं और तत्पश्चाल नल ओर नील द्वारा सेतु बंधन का कार्य प्रारंभ किया जाता है । नल ओर नील द्वारा श्रीराम का नाम लेकर  फैंके गए पत्थर समुंदर में डूबते नही है। अंगद रावण से कहता है कि माता सीता को लौटा दो और प्रभु की शरण में आजाओं लेकिन अहंकार वश रावण अंगद का उपहास उड़ाता है । तब अंगद अपना पैर रोप कर कहते हैं''जौं ममचरन सक हिंस ठटारी । फिरहिं रामुसीता मैं हारी।''लेकिन कोई अंगद का पैर डिगा नहीं पाया । अंत में रावण उठता है और ज्योही अंगद का पैर पकड़ने उठता है अंगद कहते है कि अगर पैर पकड़ने हैं तो श्रीराम के पकड़ो । रावण लज्जित होता है और अंगद रामदल में पहुंच जाते हैं । लंका दहन आदि प्रसंगों के मंचन के साथ ही आठवें दिन की लीला का समापन होता है । श्रीराम मित्र मंडल के सलाहकार मुकेश गुप्ता ने बताया 07 अक्टूबर को मेघनाथ लक्ष्मण युद्ध, लक्ष्मण मूर्छित , संजीवनी बूटी लाना, कुम्भकर्णवध, मेघनाथवध, एवं अहिरावण वध आदि  प्रसंगों का मंचन किया जायेगा। इस अवसर संस्थापक अध्यक्ष बी0पी0 अग्रवाल, मुख्य यजमान उमाशंकरगर्ग, उप मुख्यसंरक्षक ओमबीर शर्मा ओंकारनाथ अग्रवाल, अध्यक्ष धर्मपाल गोयल, महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सह – कोषाध्यक्ष अनिल गोयल, सतनरायण गोयल, तरुण राज, मनोज शर्मा, मुकेश गोयल, मुकेश गुप्ता, संजय शर्मा, रविन्द्र चौधरी, आत्माराम अग्रवाल, मीडिया प्रभारीचंद्रप्रकाश गौड़, मुकेश गर्ग, एस एम गुप्ता, पवन गोयल,मुकेश अग्रवाल, सुधीर पोरवाल, राकेश गुप्ता,अजय गुप्ता, रामनिवास बंसल, ओपी गोयल,कुलदीप गुप्ता, चंद्रप्रकाश गौड़,सहित आयोजन समिति के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।


 










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